बिहार के मुख्यमंत्री का कहना है कि प्रदेश में ह’त्त्या की घटनाएं तेजी से घट रही है। उनके अनुसार राज्य में सबसे अधिक म’र्डर जमीन विवाद को लेकर होत है, जिसके आंकड़े में तेजी से गिरावट आ रही है। राज्य में जमीन को लेकर होने वाली ह’त्त्या 60 प्रतिशत से सीधे 46 प्रतिशत पर आ गयी है। वहीं, इसके बावजूद इन घटनाओं पर रोकथाम लगाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की बहाली करने का निर्देश दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पुलिस की संख्या बढ़ाने के लिये विभिन्न श्रेणियों में 2,29,139 पद स्वीकृत किये जा चुके हैं। 1,06,436 पुलिसकर्मी कार्यरत हैं। शेष रिक्त पदों पर बहाली शीघ्र करें। कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका है जल्द-से-जल्द बचे हुए पदों पर पुलिस की बहाली होने से कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने में और सहूलियत होगी। हमने वर्ष 2013 से ही पुलिस में महिलाओं के लिये 35 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है।
उन्होंने कहा कि अभी बिहार में महिलाओं की संख्या लगभग 30 हजार हो गयी है। बिहार पुलिस में महिलाओं की भागीदारी देश में सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती में महिलाओं के लिए निर्धारित 35 प्रतिशत आरक्षित सीटों पर रिक्तियों को जल्द पूर्ण करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस बल में महिलाओं की संख्या बढ़ने से थानों में जो महिलायें शिकायत लेकर आतीं हैं, उन्हें समस्याओं के समाधान में सहूलियत हो रही है और उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है। महिला पदाधिकारी एवं महिला पुलिस कर्मियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए अलग से व्यवस्था की गई है। वर्ष 2005 में सरकार में आने के बाद से हमलोगों ने सभी क्षेत्रों में विकास का कार्य किया है। महिलाओं को शिक्षित करने के साथ-साथ उनको स्वावलंबी बनाने के लिए भी कई कार्य किए गए हैं। महिलाएं शिक्षित भी हुई हैं और स्वावलंबी भी बनी हैं जिससे समाज और परिवार में सकारात्मक बदलाव आया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक हत्याएं भूमि विवाद के कारण होती हैं, जो अब घट रहा है। जानकारी दी गयी है कि 46.69 प्रतिशत हो गया है, यह अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि लैंड सर्वे एंड सेटलमेंट का काम तेजी से पूर्ण हो ताकि भूमि विवाद को लेकर होनेवाली अपराध की घटनाओं में पूरी तरह कमी आये। प्रशासन और पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ असामाजिक तत्वों पर नजर बनाये रखें।