रांची: झारखंड में चल रही जेएसएससी की परीक्षा को लेकर सरकार द़वारा इंटरनेट के अचानक बंद किए जानें को लेकर झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार से जवाइ मांगा है। कोर्ट में इस प्रकार सरकार की मनमानी को लेकर याचिका दर्ज की गयी है। इसपर कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या परीक्षा को लेकर इंटरनेट सेवा बंद करना राज्य सरकार का अधिकार है। बता दें राज्य में 823 केंद्रों पर चल रही झारखंड स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा को केंद्र में रखकर शनिवार व रविवार को पूरे राज्य में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है। झारखंड सरकार के निर्देश पर सुबह चार बजे से शाम साढ़े तीन बजे तक इंटरनेट से जुड़ी किसी भी तरह की सेवा उपयोग उपभोक्ता नहीं कर सकेंगे। इंटरनेट सेवा बंद होने से जनजीवन बेहद प्रभावित हुआ है।
आज ऑफिस एटीएम नेट पेमेंट हर चीज के लिए लोग इंटरनेट पर निर्भर हैं ऐसे में एकाएक इंटरनेट के बंद हो जाने से जनजीवन व्यापार की गति धीमी पड़ गयी है। इसे लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गयी जिसके सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार पर बेहद सख्ती बरतते हुए प्रश्न किया कि क्या इस प्रकार इंटरनेट को अचानक बंद कर देना राज्य सरकार का अधिकार है। बता दें रविवार को अवकाश होने के बाद भी कोर्ट में मामले को लेकर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में तत्काल इंटरनेट की ब्रॉडबैंड और फाइबर लाइन सेवा बहाल करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है।
रविवार को ही हाईकोर्ट ने पूरे राज्य में इंटरनेंट सेवा बंद किए जाने पर संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की बेंच ने सरकार ने की इस दौरान सरकार को यह निर्देश दिया कि 20 सितंबर को जो इंटरनेट सेवा जारी थी, उसे तत्काल बहाल किया जाए। वहीं अदालत इसे लेकर राज्य सरकार को छह सप्ताह में इंटरनेट बंद किए जाने के लिए तैयार की गई एसओपी पेश करने का निर्देश दिया है। इस मामले में स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण ने बहस की, वहीं राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने बहस की। इसे लेकर हाईकोर्ट में विशेष पीठ का गठन किया गया है। बता दें मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी। इस संबंध में अधिवक्ता राजेंद्र कृष्ण ने याचिका दाखिल की है। मालूम हो कि शनिवार रविवार को गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल की ओर से शुक्रवार को जारी आदेश के आलोक में सुबह आठ से दिन के तीन बजे तक इंटरनेट सेवा ठप रही। विभागीय आदेश के अनुसार कदाचारमुक्त परीक्षा के आयोजन को लेकर सरकार के स्तर से यह पहल की गई है।