जमशेदपुर: बीजेपी की परिवर्तन यात्रा में पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा ने हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने हेमंत सोरेन को राजनीतिक महत्वकांक्षी बताते हुए कहा कि अपनी ही पार्टी के वरीष्ठ नेता को अपमानित करने में वे जरा भी नही हिचकिचाए। स्वयं को आदिवासी का हितैषी बताने वाला एक आदिवासी (चंपई सोरेन) को गद्दी से उतारकर स्वयं काबिज हो जाता है, यह कैसा हितैषी है। उसके राज्य में आदिवासी दर-दर की ठोकर खा रहे हैं। झारखंड के लिए आंदोलन करने वालों (चंपई और लोबिन) की सुधि लेने वाला कोई नहीं है। मालूम हो कि अर्जुन मुंडा मंगलवार को पोटका के जुड़ी में आयोजित भाजपा की परिवर्तन यात्रा की सभा को संबोधित कर रहे थे।
इसके बाद उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने सत्ता में आने से पहले पांच लाख नौकरी देने, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने, महिलाओं को चूल्हा खर्च के लिए दो दो हजार रुपए बैंक खाते में देने का वादा किया था। इन्हीं झूठे वादों में जनता को फंसा कर कर सत्ता हासिल की। इसके बाद पांच वर्ष तक प्रदेश में शासन किया लेकिन अब तक एक भी चुनावी वादा पुरा नहीं हुआ। झारखंड में आज चारों ओर बेरोजगारी का आलम है। उत्पाद विभाग में सिपाही की छह सौ पद के लिए पांच लाख युवाओं को धूप में दौड़ाया जा रहा है। जिसके कारण अबतक 17 युवाओं की मृत्यु हो चुकी है।
इसके बाद अर्जुन ने चंपई सोरेन प्रकरण पर कहा कि एक संघर्षशील आदिवासी चंपई सोरेन को कुर्सी से उतार कर स्वयं कुर्सी पर बैठ गया। क्या चंपई सोरेन आदिवासी का बेटा नहीं हैं। यह जनजातीय समाज की बेइज्जती है। इसका बदला आदिवासी समाज जरूर लेगा। सरकार को आदिवासी हित से नहीं, बल्कि निजी हित से मतलब है। अर्जुन ने मंईयां योजना को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि महिलाओं को चूल्हा खर्च के लिए दो दो हजार रुपए बैंक खाते में देने का चुनावी वायदा पूरा नहीं कर सके तो महिलाओं को ठगने के लिए मंईयां योजना शुरू की। उन्होंने उपस्थित लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि अब राज्य में परिवर्तन जरूरी हो गया है। यह परिवर्तन राज्य के बेहतर भविष्य के लिए है। उन्होंने सभी से अपील की कि वह आने वाले विधानसभा चुनाव मे भाजपा का साथ देकर राज्य से वर्तमान सरकार को बदलने का काम करें।