भारतीय जनता पार्टी की लोकसभा सांसद और हिंदी सिनेमा कलाकार कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने किसान बिल वापस लाने वाले अपने बयान पर यू-टर्न लेते हुए एक वीडियो जारी किया है। भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में मीडिया ने मुझसे किसान कानून पर कुछ सवाल पूछे और मैंने सुझाव दिया कि किसानों को प्रधानमंत्री मोदी से किसान कानून वापस लाने का अनुरोध करना चाहिए। मेरे इस बयान से कई लोग निराश और हताश हैं।
जब किसान कानून प्रस्तावित किया गया था, तो हममें से कई लोगों ने इसका समर्थन किया था लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने बड़ी संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ इसे वापस ले लिया और हम सभी कार्यकर्ताओं का यह कर्तव्य है कि हम उनके शब्दों की गरिमा का सम्मान करें। मुझे भी यह ध्यान रखना होगा कि मैं अब कलाकार नहीं हूं, मैं भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता हूं और मेरी राय मेरी अपनी राय न होकर पार्टी का रुख होनी चाहिए। इसलिए अगर मेरी बातों और मेरी सोच से किसी को निराशा हुई है तो मुझे खेद रहेगा और मैं अपने शब्द वापस लेती हूं।
कंगना ने क्या कहा था?
हिमाचल प्रदेश में अपने निर्वाचन क्षेत्र मंडी में पत्रकारों से बात करते हुए कंगना रनौत ने कहा, ‘मुझे पता है कि यह बयान विवादास्पद हो सकता है लेकिन तीन कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए। किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए।’
जदयू ने की थी आलोचना
जनता दल यूनाइटेड के सीनियर लीडर केसी त्यागी ने कहा कि कंगना रनौत का बयान किसानों का अपमान है, बीजेपी को कार्रवाई करनी चाहिए। ये तो प्रधानमंत्री के फैसले का अपमान है। हम भी इन कृषि कानूनों के खिलाफ थे, हम कंगना रनौत के बयान का विरोध करते हैं। वहीं एलजेपी प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कंगना के बयान पर कहा, “ये कंगना का पर्सनल स्टेटमेंट हो सकता है, ये उनकी सोच हो सकती है। पार्टी का कोई बयान नहीं है।
BJP ने किया था किनारा
वहीं कंगना के बयान से बीजेपी ने भी किनारा कर लिया था। बीजेपी नेता गौरव भाटिया ने कंगना रनौत के द्वारा कृषि कानूनों पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, “सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए गए कृषि बिलों पर बीजेपी सांसद कंगना रनौत का बयान वायरल हो रहा है। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह बयान उनका निजी बयान है। कंगना रनौत बीजेपी की तरफ से ऐसा बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं और यह कृषि बिलों पर बीजेपी के नजरिए को नहीं दर्शाता है। हम इस बयान को अस्वीकार करते हैं।