नयी दिल्ली : गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने वक्फ संशोधन विधेयक पर विस्तार से विचार विमर्श करने के लिए बनाये गये जेपीसी ( ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी ) को पत्र लिखकर कुछ महत्वपूर्ण बिंदु पर ध्यान आकृष्ट किया है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में बड़े पैमाने पर एक जैसी भाषा वाले सुझाव आए हैं इसके पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश की आशंका जताई जा रही है। इस संबंध में उन्होंने गृह मंत्रालय से इसकी जांच करवाने की मांग की है। वहीं निशिकांत दुबे ने जेपीसी चेयरमैन जगदंबिका पाल को भी पत्र लिखकर कहा है कि वक्फ विधेयक को लेकर जेपीसी को मिले 1 करोड़ 25 लाख के लगभग सुझाव अपने आप में महत्वपूर्ण हैं और यह वैश्विक रिकॉर्ड भी है, लेकिन इससे जुड़ी चिंताओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
इसे लेकर भाजपा सांसद ने कहा कि सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि इसमें से कितने सुझाव भारत के अंदर से आये हैं और कितने सुझाव विदेशों से आये हैं। अपने पत्र में उन्होंने स्पष्अ रूप से कहा कि इस तरह की बातें सामने आ रही हैं कि इसमें से बड़े पैमाने पर आये सुझावों का कंटेंट या तो समान है या इसमें थोड़ा बहुत फेरबदल है। उन्होने इन सुझावों के पीछे भारत से भागे हुए जाकिर नाइक और जमात-ए-इस्लामी एवं तालिबान सहित अन्य कट्टरपंथी संगठनों एवं व्यक्तियों की भूमिका के साथ-साथ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और चीन की एजेंसी की मंशा पर सवाल उठाया है। अपने पत्र में उन्होंने लिखा कि इनकी भागीदारी गंभीर चिंता का विषय है। ये संस्थाएं और देश लंबे समय से भारत को अस्थिर करने और हमारे लोकतंत्र को कमजोर करने के षड्यंत्र रचते रहे हैं। इतने बड़े पैमाने पर आए सुझाव और उसके कंटेंट को देखते हुए यह लग रहा है कि विदेशी शक्तियां देश के बाहर से भारत के विधायी कार्य को प्रभावित करने का प्रयास कर रही हैं।
आगे उन्होंने कहा कि यदि विदेशी खुफिया एजेंसियां इस अभियान के पीछे हैं तो यह भारतीय संप्रभुता और संसद की स्वतंत्रता पर एक अभूतपूर्व हमला है। सांसद ने कहा कि इन सभी आशंकाओं को देखते हुए वह चेयरमैन से यह अनुरोध करते हैं कि जेपीसी को मिले सुझावों के स्रोत की गहन जांच करने की अनुमति गृह मंत्रालय को दें। इस जांच में कट्टरपंथी संगठनों, जाकिर नाइक जैसे व्यक्तियों और आईएसआई एवं चीन जैसी विदेशी शक्तियों के साथ-साथ उनसे अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोगों की संभावित भूमिका को भी शामिल किया जाना चाहिए। बता दें मीडिया सूत्रों के मुताबिक वक्फ संशोधन बिल के लिए आये 1.25 करोड़ सुझावों की भाषा एक जैसी है। इसे लेकर बताया जा रहा कि ये कंटेंट एआई अर्थात आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा भेजे गए ईमेल है।