रांची: सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में जमा लगभग 1200 करोड़ की राशि को वापस राजकोष में जमा करने का निर्देश दिया गया है। इसे लेकर बताया गया कि विगत दो साल में पर्सनल डिपोजिट एकाउंट (पीएल खाते) में पड़ी विभिन्न विभागों की सरकारी राशि का उपयोग नहीं किया जा सका जिसके कारण इस राशि को वापस राजकोष में जमा करने का निर्देश दिया गया है। इसे लेकर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा के मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने इसे लेकर हेमंत सरकार की नीयत पर सवाल उठाया है। उन्होने कहा कि ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि रिम्स जैसे संस्थानों से विकास के लिए दी गयी राशि का उपयोग नहीं किया जा सका इससे अधिक और सरकार का निकम्मापन और क्य होगा। विभिन्न सरकारी विभागों में जमा ये राशि जनता की है। और अब जनता के लिए दी गयी राशि को सरकार को वापस लेना एक तो उचित नहीं दूसरा ये कि दो साल तक आप क्या कर रहे थे क्यों नहीं इन पैसों का उपयोग किया गया।
कम से कम रिम्स जैसे लोगों की लाईफ लाईन माने जाने वाले अस्पताल में तो कितने ही मूलभूत आवश्यक्ताएं है उनको भी इस सरकार ने दरकिनार कर दिया। अब इसे निकम्मा पन नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे। आज जो विभागों से दी गई राशियों को सरेंडर कराया जा रहा है उसमें सरकार की मंशा ठीक नहीं दिखती। इस मामले में पाठक ने कहा कि सरकार का वित्तीय प्रबंधन ही गलत है। ये कमीशनखोरी का खेल है, मन मुताबिक ठकेदार नहीं मिल रहे इसलिए इन पैसों का इस्तेमाल नहीं किया गया। और हमेशा सरकार कहती है कि राज्य में पैसे की कमी है। इसके साथ ही बड़ी बात ये है कि आनन फानन विभागों से जो राशि वापस सरेंडर कराए जा रहें है इससे यह साफ है कि हेमंत सरकार विदाई की बेला में इस पैसे का दुरूपयोग करना चाहती है। सरकार की ओर से जो तरह तरह की योजनाएं दिखाई जा रही है हो सकता है कि उन योजनाओं में चुनाव से पूर्व पैसे बांट कर वाहवाही लूटे क्योंकि योजना की घोषणा करने से पूर्व इन्होने वित्तीय प्रबंधन पर ध्यान नहीं दिया।
इस पूरे मामले में हेमंत सरकार के इस कदम से भ्रष्टाचार की बू आ रही है। अभी भी जो पैसा बांट रही है सरकार हो सकता है किसी विभाग का पैसा किसी योजना में लगा कर लोगों की वाहवाही लूटे जनता के बीच में बताने की कोशिश करेंगे कि हम आपके लिए लाएं है। मालूम हो कि विभिन्न विभागों में जमा लगभग 1200 करोड़ की राशि को वापस राजकोष में जमा करने का निर्देश दिया गया है। बताया जा रहा कि झारखंड में पर्सनल डिपोजिट एकाउंट (पीएल खाते) में पड़ी विभिन्न विभागों की सरकारी राशि को वापस राजकोष में जमा किया जायेगा। बड़ी बात ये है कि दो साल में भी इन 1200 करोड़ की राशि का उपयोग नहीं किया जा सका, जिसके कारण इस रांशि को प्रत्यार्पित करते हुए राजकोष में जमा कराके शीध्र ही वित्त विभाग को अवगत कराने का निर्देश संबंधित विभागों के विभागाध्यक्षों, सचिवों को दिया गया है।
वहीं बताया गया कि जेरेडा के पीएल खाता में लगभग 10.22 करोड़, जेबीवीएनएल के पीएल खाता में लगभग 192.25 करोड़, रिम्स रांची के पीएल खाता में 691 करोड़ रुपये राशि, जेएमएचआईडीपीसीएल के पीएल खाते में 301.53 करोड़ रुपये की बड़ी राशि लगभग दो साल से पड़ी हुई जिसे इन विभागों ने खर्च नहीं किया है। ये राशि विकास संबंधी कायों के लिए विभागों को प्रदान की गई थी परंतु दो साल से इसका उपयोग नहीं किया जा सका। वहीं विकास कार्य के लिए मिली इन राशि की समीक्षा हाल में वित्त विभाग ने की थी और तत्काल राशि को निर्देशों के अनुरूप राजकोष में जमा करने को कहा है। इसके अलावा और भी कई विभाग हैं जहां लगातार दो सालों से पीएल खाता में राशि पड़ी हुई उनसे रिपोर्ट मांगा जा रहा है ताकि उक्त राशि राजकोष में जमा करायी जा सके। वहीं आज हेमंत सोरेन ने पीएम को पत्र लिखकर भी कोल कंपनियों की बकाया राशि को भुगतान करने का आग्रह किया है।