रांची: बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर शराब घोटाले को लेकर ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में मरांडी ने शराव घांटाले को लेकर आगाह किया है साथी ही उन्होंने सरकार से प्रश्न किया है कि कैबिनेट की स्वीकृति मिलने से पहले ही शराब के टेंडर की खबर लीक होकर इंटरनेट के टेंडर पोर्टल पर कैसे घूम रहा है। सरकार शराब नीति में बदलाव करने वाली है ये बात आखिर बाहर कैसे लीक हो गयी। बाबूलाल ने आरोप लगाते हुए पूछा कि टेंडर की खबर लीक कर क्या किसी खास व्यक्ति/समुह को अनैतिक लाभ पहुंचाकर अनैतिक लाभ लेने का प्रयास किया जा रहा है? बता दें इसे लेकर पूर्व सीएम ने हेमंत सोरेन को टैग करके पूछा है कि हेमंत सरकार एक बार फिर से उत्पाद नीति में बदलाव कर चुनावी धन इकट्ठा करने और लूट मचाने की तैयारी कर रही है।
कैबिनेट की स्वीकृति मिलने से पहले ही शराब के टेंडर की खबर लीक होकर इंटरनेट के टेंडर पोर्टल पर घूम रहा है। @HemantSorenJMM जी, कैबिनेट मीटिंग से पहले ही ये बात बाहर कैसे आई कि नीति में क्या बदलाव हो रहा है और इसका टेंडर होने वाला है? टेंडर की खबर लीक कर क्या किसी खास व्यक्ति/समुह को अनैतिक लाभ पहुंचाकर अनैतिक लाभ लेने का प्रयास किया जा रहा है? हेमंत सरकार द्वारा दुबारा शराब नीति लाना और कैबिनेट मीटिंग से पहले ही टेंडर पोर्टल पर इस खबर का लीक होना बताता है कि सरकार शराब नीति की आड़ में बड़े घोटाले को अंजाम देने की तैयारी में है। मालूम हो कि शराब नीति को लेकर एक दिन पूर्व भी बाबूलाल ने अपने एक्स मीडिया एकाउंट से पोस्ट का कहा था कि घोटालों, चोरी और धोखाधड़ी के लिए कुख्यात हेमंत सोरेन सरकार जाते-जाते एक बार फिर से बड़ा शराब घोटाला करने की तैयारी में है।
पहले भी मैंने झारखंड में संभावित शराब घोटालों के बारे में चिंता व्यक्त की थी और मुख्यमंत्री जी को इस बारे में चेताया था, लेकिन उन्होंने नैतिकता को पूरी तरह नजरअंदाज कर हेरा-फेरी का रास्ता अपनाया। ज़्यादा से ज़्यादा धन कमाने की आदत से मजबूर हेमंत सोरेन लगातार तीसरी बार शराब नीति बदलकर चुनाव के लिये कालाधन जुटाना चाहते हैं। आज मैं फिर से जनता के सामने यह बात सार्वजनिक कर रहा हूँ कि झारखंड में तीसरी बार शराब घोटाले की साजिश रची जा रही है। पिछली बार इसमें छत्तीसगढ़ के शराब माफिया शामिल थे, जबकि इस बार पंजाब और हरियाणा के शराब माफियाओं को लाने की योजना बन रही है।
इस घोटाले की पटकथा भी बिरसा मुंडा जेल से लिखी जा रही है। इस बार घोटाले का मुख्य मकसद चुनाव के लिए भारी फंड जुटाना और चुनाव के समय गाँव-गाँव में शराब बाँटना है।जिस सरकार का कार्यकाल दो महीने बचा है वह अगले तीन साल के लिये शराब दुकान का ठेका परोक्ष रूप से पंजाब-हरियाणा वालों को सौंप कर मोटा काला धन वसूलना चाहती है। मैंने बीते 1 सितम्बर को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री जी को सुझाव दिया था कि गाँव की गरीब आदिवासी महिलाएं, जो शराब बेचती हैं, उन्हें सरकारी शराब वितरण के माध्यम से जोड़ा जाए, लेकिन मुख्यमंत्री जी अपनी आदत से मजबूर हैं। सही ही कहा गया है कि चोर चोरी से जाये हेरा फेरी से न जाये। मैं झारखंड की जनता को यह भी यक़ीन दिलाता हूँ कि भाजपा की सरकार आने पर इस प्रस्तावित शराब नीति को रद्द किया जायेगा और छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा से आये हुए शराब माफ़ियाओं एवं घोटाले में शामिल अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।