पटना एम्स के निदेशक डॉ. गोपाल कृष्ण पाल को उनके बेटे के जाति विवाद के कारण अतिरिक्त प्रभार छीन लिया गया है। इससे पहले डॉ. पाल के पास गोरखपुर एम्स का अतिरिक्त प्रभार था लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने अब भोपाल एम्स के निदेशक डॉ अजय सिंह को गोरखपुर AIIMS का अतिरिक्त प्रभार दे दिया है। दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने गैर-क्रीमी लेयर ओबीसी प्रमाणपत्र जारी करने में अनियमितताओं की शिकायतों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसे एक हफ्ते के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।
दूसरी ओर बिहार सरकार ने 10 सितंबर को डॉ. पाल के बेटे को ओबीसी-एनसीएल प्रमाणपत्र जारी करने के मामले में भी जांच शुरू की थी। डॉ. पाल के बेटे ऑरो प्रकाश पाल के ओबीसी प्रमाण पत्र में खामियों की जांच हो रही है, जिसके लिए पटना के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति जांच कर रही है। आपको बता दें पटना से जारी ओबीसी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर डॉ. ऑरो प्रकाश को 30 अगस्त को गोरखपुर एम्स में माइक्रोबायोलॉजी में तीन वर्षीय स्नातकोत्तर एमडी पाठ्यक्रम में ओबीसी कैटेगरी के तहत नियुक्ति की गई है। जबकि डॉ. पाल नॉन क्रीमी लेयर में नहीं आते हैं। इसी के बाद यह विवाद शुरू हुआ है, जिसमें डॉ. पाल के हिस्से से गोरखपुर एम्स निदेशक का अतिरिक्त प्रभार छिन गया है।
हालांकि डॉ. ऑरो प्रकाश पाल ने 3 सितंबर को एमडी पाठ्यक्रम से इस्तीफा दे दिया है। डॉ. पाल का कहना है कि उनके बेटे ने 3 लाख रुपये का जुर्माना भरने के बाद इस्तीफा दे दिया और गोरखपुर एम्स छोड़ दिया है। क्योंकि उसे सब्जेक्ट पसंद नहीं आया।