रांची: झारखंड में रोहिंग्या बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर झारखंड हाईकोर्ट कोर राज्य की हेमंत सरकार के बीच ठन चुनी है। मालूम हो कि झारखंड हाईकोर्ट में संथाल इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठ को रोकने और इसकी जांच के लिए दायर जनहित याचिका दायर की गयी थी। जिस पर हाईकोर्ट द्वारा दिये गये आदेश को झारखंड सरकार ने मामले से इंकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रूख करने की तैयारी कर रही है। इसे लेकर हेमंत सरकार की ओर से अगले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (स्पेशल लीव पिटीशन) दाखिल कर हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त किये जाने की मांग की जायेगी। राज्य सरकार के द्वारा एसएलपी दायर करने से पहले सभी कानूनी पहलुओं पर विचार कर लिया गया है। बता दें राज्य सरकार हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देगी, जिसमें अदालत ने घुसपैठ की जांच के लिए केंद्र और राज्य सरकार से फैक्ट फाइंडिंग कमिटी गठित करने और इसके लिए दो अधिकारियों का नाम 30 सितंबर से पूर्व अदालत को बताने का निर्देश दिया था।
मालूम हो कि जमशेदपुर निवासी दानयल दानिश ने बांग्लादेशी मूल के लोगों द्वारा संथाल के इलाके में घुसपैठ का मामला उठाते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इस याचिका पर कोर्ट में अब तक की जो हुई सुनवाई उसमें केंद्र सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि संथाल इलाके में आदिवासियों की संख्या घटी है और वहां की जमीन मुस्लिम धर्म के लोगों को गिफ्ट डीड के जरिये दी जा रही है। वहीं केंद्र ने अपने हलफनामे में यह भी बताया है कि संथाल इलाके में ईसाई समुदाय के लोगों की संख्या में कई गुणा इजाफा हुआ है और आदिवासियों की आबादी 44 फीसदी से मात्र 28 फीसदी रह गयी है। दानयाल दानिश की जनहित याचिका 1 अक्टूबर को सुनवाई के लिए हाईकोर्ट के सूचीबद्ध है।