चुनावी रणनीतिकार से अब सक्रिय राजनीति में कदम रखने वाले प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन ‘जन सुराज पार्टी’ लॉन्च करेंगे। इसके पहले उन्होंने रविवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेस को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पार्टी बनने के बाद भी जनसुराज की यात्रा अभी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर को बिहार के लोगों को एक और पार्टी का विकल्प मिल जाएगा।
पीके ने कहा कि जन सुराज नेतृत्व परिषद (Jan Suraj Leadership Council) के सदस्यों और पार्टी प्रमुख के नामों की घोषणा 2 अक्टूबर को की जाएगी। उन्होंने बताया कि 2 अक्टूबर को ही पार्टी अध्यक्ष का चुनाव होगा। उन्होंने कहा कि जो भी आदमी जन सुराज पार्टी का मुखिया बनेगा, वह योग्यता और बुद्धि में मुझसे बेहतर होगा। उन्होंने कहा, ‘अगले साल फरवरी-मार्च तक हम दूसरे चरण में उन संभावित योजनाओं को सामने रखेंगे जो हमें समाधान की ओर ले जा सकती हैं। यह कार्यक्रम हम पटना के गांधी मैदान में करेंगे।
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पीके ने कहा कि जन सुराज पदयात्रा शुरू करने के ढाई साल बाद हम मिल रहे हैं। हम 2 अक्टूबर को एक नए चरण की ओर बढ़ रहे हैं। हमने तीन बुनियादी लक्ष्यों के साथ यह पदपात्रा शुरू की थी- बिहार गांवों का दौरा करना और सुधार की संभावनाओं पर लोगों से बात करना, मतदाताओं को एक राजनीतिक विकल्प देना और विशेष रूप से राज्य की सभी 8500 पंचायतों को शामिल करते हुए बिहार के विकास का खाका तैयार करना।
उन्होंने कहा कि जन सुराज पदयात्रा निर्बाध रूप से जारी रहेगी क्योंकि हम अब तक राज्य का केवल 60 प्रतिशत हिस्सा ही कवर कर पाए हैं। फिलहाल यह यात्रा सुपौल, अररिया में है। समय लग सकता है लेकिन राज्य के कोने-कोने तक हम जन सुराज को लेकर पहुंचेंगे। प्रशांत किशोर ने मीडिया कर्मियों से कहा, ‘आप एक नई राजनीतिक पार्टी देखेंगे। इसका नाम, नेतृत्व और अन्य विवरण साझा किए जाएंगे। मैं कभी जन सुराज का नेता नहीं था और न ही आगे बनने की इच्छा रखता हूं। अब समय आ गया है कि पीके से बेहतर लोगों को नेतृत्व की भूमिका निभानी चाहिए।
बिहार के युवाओं का पलायन रोकना हमारी प्राथमिकता में है। समय आने पर हम इसके लिए विस्तृत और स्पष्ट योजना सामने रखेंगे। अल्पसंख्यकों की ओर झुकाव के सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा, मैं बिहार और बिहारियों के लिए काम करता हूं। इसमें मुसलमान भी आते हैं। जन सुराज का गठन करने वालों में भी मुसलमान थे। हम जन सुराज पार्टी में आनुपातिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करेंगे। पार्टी में योग्यता ही एकमात्र मानदंड होगी। जन सुराज में जिसकी जितनी संख्या है उसको उतनी भागीदारी मिलेंगी। लेकीन उसके अलावे जो काबिल है उसको अहमियत दी जाएगी।