बिहार के सीमावर्ती इलाकों में बाढ़ (Bihar Flood) की स्थिति विकराल होती जा रही है। सुपौल जिले में कोसी तटबन्ध के अंदर कोसी ने कोहराम मचा दिया है। कोसी के जलस्तर में पिछले दो दिनों से हुए इजाफा के बाद कोसी तटबन्ध के अंदर स्थिति भयावह हो गयी है। यह तस्वीर कोसी तटबन्ध के अंदर बकौर, बेरिया और 57.20 नंबर स्पर के समीप का है। जहां कोसी तटबन्ध के अंदर बाढ़ आ जाने से लोग अब किसी तरह बाहर निकल रहे हैं।
लोगों ने कहा कि तटबन्ध के अंदर के गांवों में कोसी का पानी फैल गया है। जिसके चलते लोग किसी तरह घर बार छोड़कर बाहर निकल रहे हैं। कहा कि नाव की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में लोग किसी तरह अपने सामानों को निकाल कर गांव से बाहर निकल कर सुरक्षित जगहों में ऊंचे स्थानों का रुख कर रहे हैं।
स्थिति यह है कि जहां गांव में सड़क थी वहां कई फिट पानी का बहाव हो रहा है। कोसी के इस रौद्र रूप के कारण तटबन्ध के अंदर गांव में फैला पानी लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। फिलहाल बाढ़ पीड़ित लोग कोसी तटबन्ध पर ही टेंट डालकर रहने को विवश हो गए हैं।
इधर, पूर्णिया के बायसी अनुमंडल के बायसी अमौर, वैसा प्रखंड में कई दिनों से लगातार हो रही बारिश एवं कोसी बराज से पानी छोड़ने के कारण प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ की तबाही दिखने लगी है। कनकई, महानंदा, परमान एवं दास नदी अपना विकराल रूप दिखाने लगी है। प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांव में बाढ़ का पानी घुस चुका है। सड़क के ऊपर से बाढ़ का पानी बहने लगा है। कनकई नदी के कटाव से नागरा टोली, सिमलबाडी गांव के दर्जनों घर नदी में विलीन हो चुके हैं। सैकड़ों परिवार घरों से बेघर होकर पैठान टोली स्थित ऊंचे पुल पर खुले में शरण लेने को मजबूर हो गए हैं।
वहीं बायसी के राजद विधायक शैयद रुनमुद्दीन ने बताया कि लगातार हो रही बारिश और बराज से पानी छोड़े जाने के कारण बायसी अनुमंडल क्षेत्र में कटाव और बाढ़ का कहर जारी है। उन्होंने कहा कि बाढ़ पूर्व तैयारी नहीं की गई और ना ही कोई स्थाई समाधान किया गया जिओ बैग के नाम पर सरकार लीपा पोती कर रही है। सभी नदी ओवरफ्लो हो चुके हैं। खेतों में पानी भर गया है और किसान के फसल बर्बाद हो चुके हैं।