बिहार प्रदेश जनता दल (JDU) की प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा, डॉ भारती मेहता और अनुप्रिया ने बयान जारी कर डॉ रोहिणी आचार्या के बयान पर पलटवार किया। प्रवक्ताओं ने उन्हें आपदा प्रबंधन से सबंधित जानकारी दुरुस्त रखने की नसीहत दी और कहा कि रोहिणी आचार्य के माता-पिता ने अपने शासनकाल में आपदा को हमेशा आर्थिक अवसर समझा। उन्होंने कहा कि अगस्त 2004 के बाढ़ में तत्कालीन जिलाधिकारी गौतम गोस्वामी की मिलीभगत से बाढ़ घोटाले को अंजाम दिया गया था। बाढ़ पीड़ितों के हितों को ताक पर रखकर राजद की सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के खजाने को लुटने का काम किया।
JDU प्रवक्ताओं ने कहा कि आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में नीतीश सरकार ने मिसाल कायम किया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सामुदायिक रसोई, नांव संचालन, पशुओं के लिए चारा, जीवन रक्षक दवाईयां सहित अन्य राहत समाग्री की उपलब्धता हेतु सरकार निरंतर काम कर रही है। साथ ही अत्यधिक खतरे वाले क्षेत्र से आम जनता को बाहर निकालने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं तमाम अधिकारियों के संपर्क में हैं। कई बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में जाकर उन्होंने खुद स्थितियों का जायजा भी लिया है। बाढ़ से सुरक्षा एवं राहत कार्यों के लिए जल संसाधन विभाग एवं जिला प्रशासन 24 घंटे लगातार काम कर रहा है। नीतीश कुमार का शुरू से स्पष्ट मानना रहा है कि राज्य के खजाने पर पहला अधिकार बाढ़ आपदा पीड़ितों का है।
प्रवक्ताओं ने कहा कि रोहिणी आचार्य अभी-अभी सिंगापुर प्रवास से वापस आई हैं, इसलिए उन्हें प्रदेश में चल रहे राहत एवं बचाव कार्य की कोई जानकारी नहीं है और अधूरी जानकारी के आधार पर उन्हें अनाप-शनाप बयान देने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपदा में भी अपना राजनीतिक अवसर ढूंढने वाले लालू परिवार को यह याद रखना चाहिए कि बाढ़ आने पर लालू प्रसाद यादव ने प्रदेश की जनता का मजाक उड़ाते हुए कहते थे कि ‘बाढ़ आपके भाग्य जगाने आई है गंगा मैया आप सभी के लिए मछली लाई है।’ वहीं, अभी बिहार के बाढ़ की स्थिति को देखते हुए एनडीआरएफ की 11 टीमें तैनात हैं जबकि 8 टीमों को रिज़र्व रखा गया है।