2024 लोकसभा चुनाव के बाद से कई राजनेताओं का अस्तित्व जहां खत्म हो गया, तो वहीं कई नेता नए सिरे से अपनी पटकथा लिख रहे है। इस लिस्ट में सबसे ऊपर पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव है। जिस तरह से उन्होंने निर्दलीय चुनाव जीत कर अपने डूबती नैया को नया किनारा दिया है ये अपने आप में ही काबिले तारीफ है। हालांकि इसके पीछे की मुख्य वजह उनका हर परिस्थिति में जनता के साथ जुड़े रहना रहा।
दरअसल, साल 2019 में बिहार की राजधानी पटना पूरी तरह से जलजमाव के चपेट में आ चुकी थी। इस बीच पप्पू यादव एक रियल लाइफ हीरो बनकर पीड़ितों के बीच पहुंचे थे। उन्होंने कमर तक भरे पानी वाले इलाकों में खुद जाकर लोगों को राहत सामग्री पहुंचाई थी। उस वक़्त उनकी खूब वाह वाही हुई थी। वहीं, साल 2020 से जब कोरोना का दौड़ शुरू हुआ तो उस वक़्त भी पप्पू यादव ने कई लोगों की मदद की।
ऐसे में अब एक बार फिर से बिहार जब बाढ़ की चपेट में आ चुका है तो पूर्णिया सांसद बिना किसी सरकारी सुविधा के खुद बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंच गए है। सोमवार को वह जिले के महेसी प्रखंड के बिरगांव पहुंचे। बाढ़ पीड़ितों के लिए सामूहिक रसोई की व्यवस्था के लिए जेब से निकालकर 50 हजार रुपए कैश दिए। इस दौरान पीड़ितों को सरकार से मदद नहीं मिलने की बात भी कही। वहीं, उन्होंने कहा कि सरकार भाग सकती है, लेकिन मैं नहीं भागूंगा। ऐसे में उनका लगातार जनता के बीच जाना वो भी मुश्किल परिस्थिति में कहीं ना कहीं उनकी नई पटकथा लिखी जा रही है, जो आने वाले समय में भाजपा और जदयू दोनों के लिए काल साबित हो सकती है।