बिहार के पूर्व विज्ञान एंव प्राद्यौगिकी मंत्री बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया। मामले में पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला और एक शख्स को दोषी करार दिया है। इस मामले में सुप्रीमकोर्ट ने मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को उम्रकैद की सजा सुनाई है तो वहीं सूरजभान सिंह, राजन तिवारी समेत 6 को बरी करने वाला हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा। मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी दोनों को कोर्ट ने 15 दिन के अंदर सरेंडर करने को कहा है।
1998 में बृज बिहारी प्रसाद की हत्या हुई थी
बता दें कि बृज बिहारी प्रसाद की हत्या के वक्त बिहार में राबड़ी देवी की सरकार थी। इस मामले में पूर्व सांसद सूरजभान सिंह और पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला सहित आठ आरोपियों को कोर्ट ने सबूत के अभाव में बरी कर दिया था। साल 1998 में जब पूर्व मंत्री बिहारी प्रसाद अपने इलाज के लिए पटना के आईजीआईएमएस में भर्ती थे, तभी उनकी हत्या कर दी गई थी।
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इस मामले में उनकी पत्नी और बीजेपी नेता रामा देवी के अलावा सीबीआई ने पटना हाई कोर्ट के फैसले को चुनौते देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले में सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने बीते 21 और 22 अगस्त को सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला सुरक्षित रखा था। साल 2009 में निचली अदालत ने इस हत्याकांड के आठ आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।