पटना की एनआईए अदालत ने 2016 के बिहार रेलवे ट्रैक आईईडी रोपण मामले में 6 लोगों को कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। एक आधिकारिक बयान में इसकी जानकारी दी गई है। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सभी दोषियों को पांच से 12 वर्ष तक की सजा सुनाई गई है। इसमें कहा गया है कि आरोपी 30 सितंबर 2016 की रात को पटरी पर प्रेशर कुकर आईईडी लगाने में शामिल थे। उनकी योजना पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन रेलवे स्टेशन के पास रेलवे पटरी पर नरकटियागंज से आने वाली एक यात्री ट्रेन को विस्फोट में उड़ाने की थी।
मामले में एनआईए का आया बयान
बयान में कहा गया है कि स्थानीय लोगों ने इस बम का समय रहते पता लगा लिए और इसे निष्क्रिय कर दिया गया। इसमें कहा गया कि स्थानीय पुलिस ने जांच में उमाशंकर राउत उर्फ राजू पटेल, गजेंद्र पटेल उर्फ गजेंद्र ठाकुर, राकेश कुमार यादव उर्फ राकेश, मुकेश यादव उर्फ मुकेश, मोतीलाल पासवान उर्फ मोती एवं रंजय कुमार शाह उर्फ रंजय की इस मामले में संलिप्तता की पहचान की।
2017 में शुरू हुई थी जांच
एनआईए ने इस मामले की जांच 2017 में अपने हाथ में ली थी। सभी आरोपियों के विरूद्ध जुलाई 2017 में आरोप पत्र दायर किया गया था। बयान में कहा गया है कि दोषियों को पांच से 12 वर्ष तक की सजा सुनायी गई है तथा जुर्माना नहीं भर पाने की स्थिति में तीन माह की अतिरक्ति जेल काटनी होगी। वहीं, इन दिनों रेल दुर्घटना के मामले बढ़ गए हैं। पटरी पर कई ऐसे पदार्थ रखे हुए मिल रहे हैं। जिससे रेल दुर्घटना की संभावने बढ़ गए हैं। वहीं, इन मामलों का एनआईए जांच कर रही है।
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