जदयू द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को भारत रत्न देने की मांग उठ रही है। जदयू राज्य कार्यकारिणी की बैठक से पहले राजधानी पटना में जगह-जगह होर्डिंग लगाकर यह मांग शुक्रवार की देर रात उठायी गई। होर्डिंग जदयू महासचिव छोटू सिंह की ओर से लगाए गए। इस पर अब सियासत शुरू हो गई है। विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल(आरजेडी) ने इसके विरोध में बयान दिया है। पार्टी के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा है कि यह दबाव की राजनीति है।
दरअसल, बीजेपी और जेडीयू के बीच गुप्त डील हुई है। उन्होंने कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक में मोदी सरकार में मंत्री ललन सिंह की गैरमौजूदगी पर भी सवाल उठाया। शक्ति सिंह यादव ने कहा है कि बीजपी और जदयू के बीच कुर्सी की डील हुई थी। इसके तहत छह माह में सत्ता का हस्तांतरण करना था लेकिन जदयू कुर्सी नहीं छोड़ रही है। ऐसे में दबाव बनाने के लिए यह काम किया जा रहा है। कुछ बिचौलिए हैं जो बेचैन हैं। गुप्त रूप से भारत रत्न दो- सत्ता ले लो का खेल चल रहा है। उन्होंने कहा है कि बिहार के लोग अब नीतीश कुमार से ऊब चुके हैं। ऐसे में अगली सरकार तेजस्वी यादव की बनने जा रही है।
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बता दें कि पटना में जेडीयू प्रदेश कार्यकारिणी से पहले पटना में पार्टी के महासचिव छोटू सिंह ने बड़े बड़े बैनर लगाकर नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग की। कार्यकारिणी की बैठक के बाद जदयू के वरिष्ठ नेताओं ने भी इस मांग का समर्थन किया। कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा, मंत्री बिजेन्द्र यादव, सांसद देवेश चन्द्र ठाकुर, विधायक डॉ. संजीव आदि ने कहा कि नीतीश कुमार इस सम्मान के हकदार हैं। हालांकि पार्टी की इस महत्वपूर्ण बैठक में जदयू के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय मंत्री ललन सिंह मौजूद नहीं थे।