हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला इस बार विधानसभा चुनाव हार गए। जननायक जनता पार्टी के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला की हार ने 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार की काराकाट सीट से चुनाव लड़े उपेंद्र कुशवाहा की याद दिला दी। चुनाव के पहले दोनों ने लगभग एक ही तरीके से सरकार से किनारा किया और नतीजों में दोनों को हार झेलनी पड़ी।
2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में उचाना कलां सीट से जीत दर्ज कर दुष्यंत चौटाला विधायक बने। नई पार्टी थी लेकिन 10 विधायकों के साथ चौटाला किंगमेकर बन गए। वे बहुमत से पिछड़ने वाली भाजपा को सरकार में ले आए। बदले में उन्हें उपमुख्यमंत्री पद मिला। लेकिन 2024 के हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, दुष्यंत चौटाला सरकार से अलग हो गए। हालांकि 10 में से तीन विधायक ही रह गए। जिसमें उनकी मां भी शामिल थीं। अब 2024 के चुनाव नतीजों में दुष्यंत चौटाला को बड़ी हार मिली है।
दुष्यंत चौटाला के साथ उसी घटनाक्रम की पुनरावृत्ति हुई, जो 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान घटी थी। दरअसल, 2014 में चुनाव जीतने के बाद भाजपा की अगुवाई वाली सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री बने उपेंद्र कुशवाहा ने चुनाव के छह माह पहले सरकार से किनारा कर लिया। वे अपने बूते 2019 का लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन हार गए। कुछ ऐसा ही दुष्यंत चौटाला के साथ भी हुआ है।