रांची: सामाजिक अंकेक्षण श्रोत व्यक्ति संघ के उपाध्यक्ष दिनेश यादव ने ग्रामीण विकास मंत्री को पत्र लिखकर अपनी मूलभूत मांगों से अवगत कराया है। मंत्री को लिखे पत्र में उपाध्यक्ष ने कहा है कि वर्ष 2016 से ही हमलोग सामाजिक अंकेक्षण के कार्य में BRP/VRP के पद पर कार्यरत है और विभिन्न प्रकार के योजनाओ का सामाजिक अंकेक्षण कर चुके है। जिसमे मनरेगा, 14 वित्त आयोग की राशि MDM, SSA, PDS, DBT, JTDS, SBM, PMAY-G, जलछाजन प्रमुख हैं सामजिक अंकेक्षण की प्रक्रिया अब चार कानूनों में, दो माननीय सर्वोच्च न्यायलय के निर्णयों में और छः योजनाओं के दिशानिर्देशों के फलस्वरूप एक अनिवार्य और अपरिहार्य प्रक्रिया के रूप में स्थापित हो चूका है इन जन कल्याणकारी योजनाओ के सामाजिक अंकेक्षण से सामजिक जवाबदेही और पारदर्शिता में बढ़ोतरी हुई है और विभागों को इन योजनाओं की जमीनी स्थिति की समझ बढ़ी है जिससे सुधारात्मक निर्णय लेने से लोगों का सरकार के प्रति विश्वास बढा है और ग्राम सभा नियमित होने से लोगो में भागीदारी और जानकारी बढ़ी है। सामाजिक अंकेक्षण की प्रक्रिया से आम आदमी को अपनी समस्या के निराकरण के लिए एक मंच प्राप्त होने से धरातल पर कई बदलाव हुआ है जिसकी कुछ विवरणी निम्नांकित है।
1 DBT का सामाजिक अंकेक्षण रांची जिला के नगडी प्रखंड के सभी पंचायतों में हुआ, जिसमे DBT के माध्यम से अनाज का मूल्य देने का पायलट प्रयोग किया गया था जिससे कार्डधारी समय पर राशन नहीं ले पा रहे थे। सामाजिक अंकेक्षण होने से यह तथ्य उभर कर सामने आया और सरकार द्वारा नीतिगत फैसला लेकर DBT को हटाया गया और सीधा जनवितरण प्रणाली से राशन उपलध कराया जाने लगा जिससे कार्डधारी को समय पर राशन मिलने लगा।
2 मनरेगा के बिरसा हरित आम बागवानी योजना में नियमित देखरेख और मुलभुत सुविधा, सामग्री पोधा समय पर नहीं मिल रही थी, सामाजिक अंकेक्षण होने से लाभुक एवं सबंधित पंचायत कर्मी की जिम्मेवारी बढ़ी और मुलभुत सुविधा उपलब्ध करवाते हुए बागवानी को सुरक्षित रखने का काम किया जा रहा है जिससे पौधों को बचाया जा सका है।
उसी तरह मनरेगा से संचालित सिचाई कूप निर्माण में समय पर सामग्री भुगतान न होने एवं नियमित समय पर योजना पूर्ण नहीं हो पाने की शिकायतों आम थीं। सामाजिक अंकेक्षण होने से लाभुको से शिकायत लेकर पंचायत और प्रखंड में रखने से समय पर सामग्री भुगतान मिल पा रहा है और सभी कूप समय पर बन पा रहे हैं।
3 PVTG के डाकिया योजना का भी सामाजिक अंकेक्षण किया गया जिसमे डाकिया योजना के तहत राशन डोर टू डोर डिलेवरी करने का प्रावधान था, सामाजिक अंकेक्षण होने से ही पता चला कि कुछ परिवारों का राशन कार्ड नहीं बना था और कई परिवारों का राशन कार्ड बना था लेकिन उसे राशन नहीं मिल रहा था। कई लाभुक का राशन कार्ड बना था पर उन्हें यह जानकारी ही नहीं थी। सामाजिक अंकेक्षण होने के बाद शिकायत एवं रिपोर्ट के आधार पर सरकार द्वारा इन PVTG आदिम जनजाति परिवारों का नया राशन कार्ड बनाया गया। जिन परिवारों को राशन कार्ड रहते हुए राशन नहीं दिया जा रहा था, उसको सभी बकाया राशन पूरा आबंटन कर वितरण किया गया और सभी परिवारों का राशन डाकिया योजना के तहत डोर टू डोर पहुंचाने की व्यवस्था सुचारू हुई है। अंकेक्षण होने के उपरांत कई बंचित परिवारों को नियमित रूप से डाकिया योजना के तहत लाभ मिल रहा है।
अन्य ऐसी जनकल्यानकारी योजनाओ का समाजीक अंकेक्षण होने से सुदूर लाभुक ग्रामीणों एवं ग्राम सभा में जानकारी बढ़ी है अब पंचायत सचिवालय में सभी योजनाओ का अभिलेख और पंजी संधारण की जा रही है जिसमे सोशल ऑडिट की अहम् भूमिका रही है।
झारखण्ड की सामजिक अंकेक्षण की प्रक्रिया के अध्ययन के लिए पांच राज्यों की टीम द्वारा यहाँ का भ्रमण भी किया गया है जो हमारे राज्य के लिए गर्व का विषय है
उपरोक्त बातो की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए इस कार्य में लगे प्रशिक्षित BRP/VRP जिन की संख्या करीब एक हजार है, की ओर से इस प्रक्रिया को निष्पक्ष प्रभावी और मजबूत करने तथा इसमें कार्यरत कर्मियों की समस्याओं की तरफ ध्यान आकृष्ट करते हुए हम आपसे आनुरोध हैं कि
1, BRP/VRP का बीमा पॉलिसी ग्रामीण विकास विभाग के अनुबंध कर्मी की तर्ज 2/4 की जाय अंकेक्षण के दौरान कई BRP/VRP की मृत्यु हो चुकी है जो निम्नांकित है
(1) पंकज उराव जिला गुमला के VRP मनरेगा के सामाजिक अंकेक्षण के दौरान जिला हजारीबाग में कार्य के दौरान आकस्मिक मृतु पंचायत भवन में हुई लेकिन उनके परिवारों को अब तक कोई मुआवजा राज्य सरकार एवं सोशल ऑडिट यूनिट से नहीं मिल पाई है। कार्य के दौरान उनकी मृत्यु हुई है उनके परिवार को राज्य सरकार द्वारा मुआवजा के रूप में कम से कम 5 लाख रूपया दिया जाय जो यूनिट के पूर्व के दिशा निर्देश में वर्णित भी है।
(2) टेकलाल महतो BRP और कल्याणी दास VRP जिला धनबाद के MDM/SSA के सामाजिक अंकेक्षण के दौरान 05/09/2023 को कार्यस्थल जाने के क्रम सड़क दुर्घटना में घटना स्थल पर ही BRP टेकलाल महतो की मृत्यु हो गई और VRP कल्याणी दास घायल हो गई थी। लेकिन उनके परिवारों को अबतक कोई मुआवजा राज्य सरकार या सोशल ऑडिट यूनिट के द्वारा नहीं मिली है। सामाजिक अंकेक्षण कार्य के दौरान घटना स्थल पर ही मृत्यु हुई है उन्हें राज्य सरकार से मुआवजा कम से कम 5 लाख दिया जाय। और घायल VRP को इलाजरत राशी दिया जाय।
(3) जनमंजय महतो सामाजिक अंकेक्षण कार्य के दौरान उनकी तबियत खराब हुई है और इलाज के लिए राशी के आभाव में उनकी मृत्यु अस्पताल में हो गई है उन्हें राज्य सरकार से मुआवजा कम से कम 5 लाख दिया जाय ।
उपरोक्त विषयक के लिए एक नियमावली तैयार हो ताकि किसी भी BRP/VRP की आकस्मिक
मृत्यु होने पर मुआवजा का प्रावधान लागू हो सके।
2, झारखण्ड सरकार द्वारा सोशल ऑडिट यूनिट को वित्तीय सहायत राशी प्रदान किया जाय ताकि BRP/VRP को समय पर भुगतान हो सके क्योकि पिछले 4 वर्षों से BRP/VRP का भुगतान लंबित है। और समय पर सामाजिक अंकेक्षण नहीं होने के कारन 4 वित्तीय वर्ष का सामाजिक अंकेक्षण हो रहा है। जिसमे मनरेगा कानून धारा 17 के नियमावली 11 का उलल्ल्घन हो रही है। पहले वर्ष 2019 में भी झारखण्ड सरकार के द्वरा 1 करोड़ की वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया था और 2020 में 1 करोड़ राशी स्वीकृत प्रदान हुआ थी लेकिन कोविड 190 होने कारण यह राशी रिलीज नहीं हो सकी ।
3, BRP को वर्तमान में 2016 से पूर्व निर्धारित BRP को 650/ और VRP को 550/ प्रतिदिन
की दैनिक मानदेय दिया जा रहा है उसके जगह पर BRP को 1050/ और VRP को 950/ रूपया दैनिक मानदेय बढ़ाने का हम अनुरोध करते हैं साथ ही अनुभव एवं योग्यता के आधार पर BRP/VRP को छतीसगढ़, केरल और उड़ीसा के तर्ज पर पूर्णकालिक किया जाय। इससे पूर्व झारखण्ड सरकार द्वारा 268 BRP को पूर्णकालिक करने का प्रस्ताव था, जिसमे पचास लोगों को पूर्णकालिक किया भी गया है, इससे प्रशिक्षित और अनुभवी स्रोत व्यक्तियों की नियमित सेवा प्राप्त हो सकेगी और अंकेक्षण की गुणवत्ता बनी रह सकेगी।
4, झारखण्ड सरकार द्वारा सामाजिक अंकेक्षण के कर्मी का नियमित काम के अभाव में अन्य राज्यों में रोजगार के लिए भटकाव रोका जाय और मेघालय राज्य की तरह राज्य सरकार कानून बनाते हुए सभी जनकल्याणकारी योजनाओ का सामाजिक अंकेक्षण कारवाना सुनिश्चित करे ताकि सभी जनकल्याणकारी योजनाओ का पारदर्शिता और जबाबदेही बना रहे, और SAU कर्मी को नियमित कार्य दिया जाय।
5 BRP/VRP कर्मी का PF की कटोती करते हुए ग्रामीण विकास विभाग के अनुबंध कर्मी की तर्ज पर लागु करे।
6, सोशल ऑडिट यूनिट के राज्य कार्यालयों में कई पद रिक्त है, जिसमे लेखापाल का पद भी खाली है, जिससे समय पर भुगतान नहीं हो पाती है। इन सभी रिक्त पदों पर ससमय बहाली सुनिश्चित किया जाय।
7, राज्य सरकार मनरेगा के तहत RESOLVING FUND की व्यवस्था करे, ताकि फंड विलंब की स्थिति में समय पर भुगतान हो सके ।
8 जिस तरह मनरेगा मजदूरों को राज्य सरकार 27 रुपया अंशदान दे रही है तो उसी के तर्ज पर BRP/VRP के लिए SAU को अंशदान देकर हमें सम्मान जनक राशी के रूप में सैलरी देते हुए पूर्णकालिक किया जाए
हम सभी कर्मी आपसे इन मांगों को पूरा किये जाने का अनुरोध करते हैं और विश्वास दिलाते हैं की हम प्रतिवद्ध रूप से अपनी सेवा से आम लोगों कि समस्यों को रेखांकित कर इस प्रक्रिया को और मजबूत करेंगे और राज्य का मान बढ़ाएंगे ।