केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) को लेकर बड़ा बयान दिया है। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने इशारों इशारों में लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हाजीपुर से सांसद चिराग पासवान पर निशाना साधा है। मांझी ने कहा है कि दिवंगत रामविलास पासवान की जगह पशुपति पारस से ही पूरी हो सकती है। दरअसल, मंगलवार को रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर दिल्ली में रालोजपा के कार्यालय में जीतन राम मांझी स्वर्गीय रामविलास पासवान को श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंचे थे। यहां जीतन राम मांझी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पशुपति कुमार पारस अस्वस्थ हैं और मुझे लगता है कि आज रामविलास पासवान की रिक्ति को पशुपति पारस ही भर सकते हैं।
जीतन राम मांझी ने कहा कि जगजीवन बाबू के बाद बिहार में दलितों की आवाज उठाने वाले स्वर्गीय रामविलास पासवान रहे। राज्य की राजनीति से आकर उन्होंने केंद्र में राजनीति की। रामविलास पासवान ने दलितों के लिए राजनीति की है। फिर चाहे वो अनूसुचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण हो या फिर आरक्षण का मुद्दा रामविलास इनपर मुखर होकर बोलते रहे हैं। उनके जाने के बाद सही ऐसा लगता है कि इस कार्यक्रम में शून्यता आ गई है। लेकिन यह स्मृति शेष है और हम लोग उनको याद करते हैं।
इसी के साथ केंद्रीय मंत्री ने रामविलास पासवान के जाने के बाद परिवार में आए टूट पर भी अपनी बात रखी और सलाह दी कि सभी को एकजुट होकर रहना चाहिए। जीतन राम मांझी ने कहा, ‘हम तो यही चाहेंगे कि परिवार में कही ना कही थोड़ा सा खटपट होती रहती है लेकिन समाज को अगर करना है और देश के प्रति अगर सोचना है तो ऐसी स्थिति में अगर मन में थोड़ी सी ऐसी भावना है तो जो राजनेता है उसको आत्मसात कर आपस में मिलकर काम करना चाहिए। ऐसा नहीं करने से दोनों को घाटा होगा और उससे ज्यादा समाज को घाटा होगा। हम जरूर कहना चाहेंगे कि यह पारिवारिक कलह घर तक ही रहे बाहर ना निकले।