बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार की जारी रैकिंग में बांका को राज्य में पहला स्थान दिया गया है, वहीं सबसे आखिरी में अररिया का नाम है। दरअसल विगत एक साल से राजस्व एवं भूमि सुधार से संबंधित कार्यक्रम को समय पर निष्पादन के लिए बांका को सूबे में प्रथम स्थान दिया गया है। यह रैकिंग विगत सितंबर माह की है, इस रैंकिंग में अररिया अंतिम स्थान पर है जबकि पटना 34वें स्थान पर है। यह रैंकिंग जिलाधिकारी के सुपरविजन ऑफ म्यूटेशन, सुपरविजन ऑफ परिमार्जन प्लस, अभियान बसेरा दो, आधार सीडिंग स्टेटस, एडीएम न्यायालय, डीसीएलआर न्यायालय, डीएम न्यायालय के आधार पर की गई है।
बांका में डीएम राजस्व व भूमि सुधार से संबंधित कार्यक्रम को शत प्रतिशत धरातल पर उतारने के लिए लगातार सभी संबंधित पदाधिकारियों के साथ बैठक करते हैं और उन्हें समय-समय संपादित करने का निर्देश देते हैं। यहां लगातार रिपोर्ट की समीक्षा भी डीएम स्तर से की जाती है, डीएम व अपर समाहर्ता के द्वारा भूमि का दाखिल खारिज, परिमार्जन प्लस, अभियान बसेरा और आधार सीडिंग जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं निरंतर कार्य का नतीजा है कि बांका पूरे राज्य में मॉडल जिला बनकर प्रगति का उदहारण पेश किया है। यह रैकिंग विगत सितंबर माह की है, इस रैंकिंग में अररिया अंतिम स्थान पर है जबकि पटना 34वें स्थान पर है।
सितंबर में बांका को 56.80 अंक के साथ पहला स्थान मिला है, वहीं शेखपुरा को 51.33अंक के साथ दूसरा और सिवान 42.68 अंक के साथ तीसरा स्थान मिला है। इसके अलावा सुपौल को चौथा, औरंगाबाद को पांचवां, कैमूर को छटा, जहानाबाद को सातवां, बेगूसराय को आठवां, भोजपुर को 9वां और पूर्णिया को दसवां मिला है। इसके अलावा राजधानी पटना, नवादा , पश्चिम चंपारण, सहरसा और अररिया राज्य के 5 सबसे अंतिम पायदान के जिले हैं।