झारखंड गठन के बाद साल 2005 में पहली बार मतदान हुआ, इसमें BJP ने 30 सीट जीतकर सरकार बनाई, जबकि JMM ने 17 सीट जीतीं और राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी। अगर राज्य के गठन के बाद के आंकड़ों पर नजर डालें तो JMM का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है, ऐसा इसलिए क्योंकि शिबू सोरेन की पार्टी ने हर विधानसभा चुनाव में अपनी सीटों की संख्या बढ़ाई, वहीं BJP के प्रदर्शन में उतार-चढ़ाव आता रहा है।
बता दें कि साल 2005 में झारखंड गठन के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हुआ, जिसमें BJP राज्य में मत प्रतिशत 23.6% से 30 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी, जबकि JMM वोटिंग पर्सेंटेज 14.3% से 17 सीट जीती और दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई। वहीं तीसरे नंबर पर Congress थी, जिसने 9 सीटें जीतीं और पार्टी का वोट प्रतिशत 12% रहा। इसके अलावा चौथे स्थान पर राजद रही, जिसका मत प्रतिशत 8.5 था।
इसके बाद साल 2009 में बीजेपी और झामुमो 18-18 सीट लाकर संयुक्त रूप से सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, लेकिन वोट प्रतिशत बीजेपी का ज्यादा था। दूसरे नंबर पर कांग्रेस थी, जिसे 14 सीटें हासिल हुई। साल 2014 में बीजेपी और आजसू ने गठबंधन में चुनाव लड़ा और दोनों ने मिलकर 42 सीट जीत ली। ये पहली बार था जब किसी पार्टी या गठबंधन को पूर्ण बहुमत हासिल किया। इस चुनाव में झामुमो ने 19 सीट जीतीं। पिछले विधानसभा चुनाव में झामुमो 30 सीट जीतकर लाई, सबसे बड़ी पार्टी बनीं। 2019 के चुनाव में बीजेपी 25 सीट जीत पाई थी, वहीं कांग्रेस ने केवल 16 जीतीं थी।
पॉलिटिकल एक्सपर्ट मानते हैं कि ‘पिछले झारखंड विधानसभा चुनावों में मुख्य मुकाबला BJP और JMM के बीच ही होता रहा है, इसलिए कहा जा सकता है कि इस बार भी ऐसा ही होने की उम्मीद है। हालांकि दोनों पार्टियां गठबंधन में चुनाव लड़ रही हैं और अपना-अपना बेस्ट दे रही हैं, लेकिन जीत के लिए 42 सीटों का जादुई आंकड़ा जो पार करेगा, राज्य में उसी की सरकार बनेगी।’