सत्ता संरक्षण में जहरीली शराब के कारण 27 लोगों की हत्या कर दी गयी है। दर्जनों की आंखों की रोशनी चली गयी। बिहार में कथित शराबबंदी है लेकिन सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और माफिया के गठजोड़ के कारण हर चौक-चौराहों पर शराब उपलब्ध है।
इतने लोग मारे गए लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक-संवेदना तक व्यक्त नहीं की। जहरीली शराब से, अपराध से प्रतिदिन सैकड़ों बिहारवासी मारे जाते है लेकिन अनैतिक और सिद्धांतहीन राजनीति के पुरोधा मुख्यमंत्री और उनकी किचन कैबिनेट के लिए यह सामान्य बात है।
कितने भी लोग मारे जाए लेकिन मजाल है किसी वरीय अधिकारी पर कोई कारवाई हो? इसके विपरीत उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा? अगर शराबबंदी के बावजूद हर चौक-चौराहे व नुक्कड़ पर शराब उपलब्ध है तो क्या यह गृह विभाग और मुख्यमंत्री की विफलता नहीं है? क्या मुख्यमंत्री जी होशमंद है? क्या CM ऐसी घटनाओं पर एक्शन लेने व सोचने में सक्षम और समर्थ है? इन हत्याओं का दोषी कौन?
दरअसल, जमुई में गुरुवार को कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद कार्यक्रम के दूसरे चरण में पूर्व डिप्टी सीएम और राजद नेता तेजस्वी यादव जमुई पहुंचे। उन्होंने जमुई परिसर भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए जहरीली शराब को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला। सीवान और सारण में जहरीली शराब पीने से चार दिनों में 36 की मौत और 40 की हालत गंभीर होने के साथ सात लोगों की आंखों की रोशनी जाने पर सीएम पर जुबानी हमला किया है। साथ ही आने वाले चुनाव और राजनीति को लेकर बात की।