रांची: झारखंड हाई कोर्ट में आज बोरियो के पूर्व विधायक व भाजपा के नेता लोबिन हेम्ब्रम की सदस्यता समाप्त किये जाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई हुई. बता दें स्पीकर न्यायाधिकरण के द्रवारा लोबिन की सदस्यता रद्द कर दिए जाने के आदेश के मामले में हाई कोर्ट की खंडपीठ ने अंतरिम राहत नहीं दी। बता दें मामले को लेकर प्रार्थी की ओर से हस्तक्षेप याचिका (आईए) दाखिल कर विधानसभा स्पीकर के आदेश पर रोक लगाने का आग्रह किया गया। मता दें खंडपीठ ने मामले की वृहत सुनवाई के लिए नवंबर माह निर्धारित की है. वहीं पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले में स्पीकर कोर्ट में सुनवाई से जुड़े सभी दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया था। मालूम हो कि याचिका में कहा गया है कि मानसून सत्र की घोषणा पहले हो चुकी थी और उसे सत्र में लोबिन अपने क्षेत्र से जुड़े दो सवालों को पटल पर रखने वाले थे, जिसकी अनुमति भी स्पीकर से प्राप्त हो चुकी थी। उसका जवाब भी आना था, लेकिन अचानक स्पीकर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उनकी सदस्यता रद कर करने का फैसला सुना दिया। वहीं आरोप है कि स्पीकर कोर्ट का फैसला पूरी तरह असंवैधानिक है, क्योंकि एक ही पार्टी के दो सदस्यों के एक ही कृत्य को लेकर अलग-अलग रवैया अपनाया जा रहा है। उन्होंने विधायक चमरा लिंडा का उदाहरण देते हुए कहा कि चमरा लिंडा ने भी पार्टी के आदेश की अवहेलना करते हुए लोकसभा चुनाव लड़ा था। उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। पार्टी से निष्कासित करने के लिए केंद्रीय कमेटी की सहमति का होना जरूरी है। पार्टी संविधान को दरकिनार कर उन्हें पार्टी से निकाला गया, जो न्याय संगत नहीं है।