प्रियंका गांधी की चुनावी राजनीति में एंट्री हो चुकी है। राहुल गांधी और सोनिया गांधी के चुनाव प्रचार का जिम्मा संभालती रही प्रियंका गांधी पहली बार चुनाव लड़ रही है। पार्टी और परिवार ने प्रियंका गांधी को राहुल गांधी की छोड़ी सीट वायनाड से चुनावी मैदान में उतारा है। प्रियंका के सामने भाजपा ने नगर परिषद की सदस्य रही नव्या हरिदास को लोकसभा चुनाव में उतारा है। नव्या हरिदास दो बार कोझिकोड नगर परिषद की सदस्य चुनी गईं हैं और भारतीय जनता महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं। एक दिन पहले प्रियंका गांधी ने नामांकन किया था और अब 24 अक्टूबर को नव्या हरिदास नामांकन करेंगी।
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वायनाड लोकसभा उपचुनाव से भाजपा उम्मीदवार नव्या हरिदास ने कहा कि “आज मैं अपना नामांकन दाखिल कर रही हूं और मेरे साथ भाजपा के राज्य और राष्ट्रीय नेता भी होंगे। मैं बहुत उत्साहित और खुश हूं कि पार्टी ने मुझे इतना बढ़िया अवसर दिया है। हमने कुछ दिन पहले ही चुनाव कार्य शुरू किया है। लोगों को राजनीति में बदलाव की आवश्यकता है। इसलिए मुझे लगता है कि इस बार वे भाजपा का समर्थन करेंगे।” नव्या ने कहा कि “मुद्दों को उठाने के बजाय मैं इन मुद्दों का समाधान ढूँढूँगी क्योंकि मुझे विश्वास है कि भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इन सभी सुधारों को लाने के लिए पहल कर रही है। इसलिए निश्चित रूप से मैं वायनाड में बदलाव ला सकती हूं”
नव्या हरिदास भले ही आत्मविश्वास दिखा रही हैं लेकिन आंकड़े बताते हैं कि वायनाड सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। 2009 से 2024 तक यहां हुए चार लोकसभा चुनावों में हर बार कांग्रेस के उम्मीदवार जीते हैं। 2009 और 2014 में एमआई शानवास कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने। 2019 में अमेठी से हारने वाले राहुल गांधी को वायनाड ने ही संसद पहुंचा। राहुल 2024 में भी जीते लेकिन रायबरेली से भी लड़े राहुल गांधी ने वायनाड सीट छोड़ दी है और अब उपचुनाव में प्रियंका गांधी कांग्रेस की उम्मीदवार हैं। हालांकि एक ट्रेंड यह भी है कि 2019 के मुकाबले राहुल गांधी के वोटों में 5.25 फीसदी की गिरावट आई। जबकि भाजपा के वोटों में 6.75 फीसदी का उछाल आया। वायनाड में राहुल गांधी की हार का अंतर भी घटा था।