बिहार की तरारी, बेलागंज, इमामगंज और रामगढ़ विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव होने हैं। सभी सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया हो चुकी है। 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ये उप चुनाव सभी पार्टियों के लिए लिटमस टेस्ट है। 4 में 3 सीट पर महागठबंधन का कब्जा रहा है। यहां से महागठबंधन के विधायक अब सांसद हो गए हैं। इस लिहाज से इन 3 सीटों को महागठबंधन का गढ़ माना जा रहा है।
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ऐसे में महागठबंधन के पास अपना गढ़ बचाने की चुनौती है। यही वजह है कि महागठबंधन की ओर से 4 में से 3 सीटों पर आरजेडी ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। एक सीट पर माले ने अपना उम्मीदवार उतारा है। वहीं, एनडीए की तरफ से 4 में से 2 पर बीजेपी ने, एक पर जेडीयू और एक पर हम पार्टी ने उम्मीदवार उतारा है। प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने भी चारों सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। उनकी पार्टी पहली बार कोई चुनाव लड़ रही है।
तरारी विधानसभा, भाकपा माले का गढ़
आइये सबसे पहले जानते हैं तरारी विधानसभा का राजनीतिक और जातिगत समीकरण। यह सीट आरा लोकसभा में आती है। पहले इस विधानसभा सीट को पीरो विधानसभा सीट के नाम से जाना जाता था, लेकिन परिसीमन के बाद तरारी विधानसभा सीट के रूप में जाना जाने लगा। तरारी विधानसभा सीट पर 2 लाख 60000 वोटर हैं, जिसमें 1 लाख 40000 पुरुष और 1 लाख 20000 महिला वोटर हैं।
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फिलहाल तरारी विधानसभा सीट पर भाकपा माले का कब्जा है। माले यहां इस कदर मजबूत है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में केन्द्रीय मंत्री आरके सिंह को सुदामा प्रसाद ने हराया है। माले ने इस बार राजू यादव को टिकट दिया है। वहीं तरारी सीट पर बीजेपी ने भूमिहार जाति से आने वाले बाहुबली नेता सुनील पांडेय के बेटे विशाल प्रशांत को उतारा है। जन सुराज ने राजपूत जाति से आने वाली किरण देवी को प्रत्याशी बनाया है।
2020 विधानसभा चुनाव का रिजल्ट
2020 विधानसभा चुनाव की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी की ओर से कौशल विद्यार्थी चुनाव लड़े थे। इसके अलावा रालोसपा से संतोष सिंह और एनसीपी से सूर्यजीत सिंह उम्मीदवार थे। सीपीआईएमएल के सुदामा प्रसाद चुनाव जीते थे। उससे पहले 2015 में भी सुदामा प्रसाद भाकपा (माले) के टिकट पर यहां से जीते थे। उनके और LJP उम्मीदवार गीता पांडे की बीच सिर्फ 272 वोटों का अंतर था। 2010 में यहां हुए पहले चुनाव में JDU के नरेंद्र कुमार पांडे उर्फ सुनील पांडे ने जीत हासिल की थी।
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आपको बता दें कि 2020 के विधानसभा चुनाव में सीपीआईएमएल के सुदामा प्रसाद चुनाव जीते थे। इस चुनाव में सुदामा प्रसाद को 75945 वोट मिले, जबकि सुनील पांडे को 62930 वोट मिले. सुनील पांडे ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 37% मत हासिल किया था, जबकि सुदामा प्रसाद को 43% से अधिक मत हासिल हुआ।
तरारी का जातिगत समीकरण
अगर जातिगत समीकरण की बात करें तो तरारी विधानसभा सीट पर भूमिहार जाति की सबसे अधिक आबादी है। तकरीबन 65000 भूमिहार वोटर हैं। दूसरे स्थान पर ब्राह्मण वोटर हैं जिनकी संख्या 30000 के आसपास है। राजपूत वोटरों की संख्या 20000 के करीब है। पिछड़ी और अति पिछड़े जाति की आबादी 45 से 50000 के बीच है। इसके अलावा यादव वोटर 30000, बनिया 25000, कुशवाहा 15000 और मुस्लिम वोटर 20000 के आसपास हैं। वोट बैंक के लिहाज से अगर बात करें तो एनडीए और महागठबंधन के बीच लड़ाई बहुत कांटे की होने वाली है।