80 के दशक में एक ऐसे नेता जो बिना पैसे खर्च किए विधायक बने, यहां तक कि उन्होंने हवाई चप्पल पहनकर ही शपथ ली थी। हम बात कर रहे हैं रामगढ़ विधानसभा सीट से 2 बार में JMM से चुनाव लड़ने और जीतने वाले अर्जुन राम की, दरअसल वे एकमात्र ऐसे प्रत्याशी थे जो बैलगाड़ी, साइकिल और ट्रेन से सफर कर चुनाव प्रचार के लिए जनता के बीच पहुंचते थे।
अर्जुन राम बताते हैं कि उस समय चुनाव प्रचार का कोई साधन नहीं था और पैसे की भी कमी थी, इसलिए घर से खाना खाकर आद्रा-बरकाकाना लोकल पैसेंजर ट्रेन से रामगढ़, बरकाकाना, मायल पहुंचते थे, जहां गांव-गांव जाकर प्रचार करते थे। इसके अलावा उस दौर में सूचना तंत्र मजबूत नहीं था, इसलिए बिना बताए टोले-मोहल्लों में पहुंचकर और लोगों से मिलकर वोट देने की अपील करते थे। कई बार दिन भूख लगती थी तो लोगों के घर खाना भी खाते थे।’
अर्जुन राम बताते हैं कि कई बार रात हो गई, या ट्रेन छूट गई तो लोगों के घर रुके भी। चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं थे, तो सोकला गांव के शिक्षक माथुर महतो ने नामांकन में लगने वाले 250 रुपये दिए उसके बाद नामांकन भरा। किस्मत और लोगों ने साथ दिया तो 25 हजार वोट मिले और 1200 वोट से चुनाव जीता। पहली बार बिना पैसे खर्च किए विधायक बने। इसके बाद 1980 में पटना विधानसभा में शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पहुंचे तो साधारण कपड़े और हवाई चप्पल में देख सुरक्षा गार्डों ने रोक दिया, फिर बताना पड़ा कि रामगढ़ विधानसभा से चुनाव जीत कर आए हैं, तब एंट्री मिली फिर शपथ ली।
अर्जुन राम का कहना है कि ‘मैं एक फुटबॉलर था और किसान परिवार से जुड़ा हुआ था, हालांकि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी बावजूद इसके लोगों ने मुझ पर भरोसा जताया। आज में एक अच्छा और सादगीपूर्वक जीवन जी रहा हूं।’