करीब डेढ़ साल में ही कभी नीतीश कुमार के खास रहे रामचंद्र प्रसाद सिंह (आरसीपी सिंह) का भाजपा से भी अब मोहभंग हो गया है। वो आज यानी दिवाली के दिन अपनी नई पार्टी का ऐलान करने वाले हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने ये दिन इसलिए चुना है, क्योंकि सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती इसी दिन है। पटना के चाणक्य होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आज अपनी पार्टी ले नाम का एलान करेंगे।
बता दें कि एनडीए में नीतीश कुमार की वापसी के बाद आरसीपी सिंह कई महीनों से राजनीति में सक्रिय नहीं थे। लेकिन अचानक पटना की सड़कों पर ‘टाइगर अभी जिंदा है’ वाला पोस्टर लगा। उसके बाद यह चर्चा होने लगी की रामचंद्र प्रसाद सिंह फिर से राजनीति में सक्रिय होने की तैयारी कर रहे हैं। आरसीपी सिंह के समर्थन में शंकर पटेल और अमर सिन्हा ने पोस्टर लगवाया था।
आरसीपी सिंह की गिनती जदयू के दूसरे नंबर के नेता में की जाती थी। एक समय था कि नीतीश कुमार के सभी बड़े राजनीतिक फैसले में उनकी भूमिका रहती थी। यही कारण था कि नीतीश कुमार ने उनको पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाया। नरेंद्र मोदी की सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर बनने को लेकर उनके और ललन सिंह के बीच में विवाद शुरू हुआ और यह विवाद इतना गहरा हो गया कि उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा।
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इसके बाद नीतीश कुमार से उनकी दूरी बढ़ने लगी। इसके बाद आरसीपी सिंह को एक और गहरा झटका लगा। नीतीश कुमार ने उनको राज्यसभा ना भेज कर झारखंड के नेता खीरु महतो को राज्यसभा भेज दिया। इसके बाद उन्होंने जदयू से इस्तीफा दे दिया। आरसीपी सिंह मई 2023 में बीजेपी में शामिल हुए थे, जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए छोड़ दिया था और अगस्त 2022 में महागठबंधन में शामिल हो गए थे।