रांची: झारखंड की राजनीति क्षण क्षण बदल रही है। हेमंत सोरेन की नीतियों के खिलाफ छात्रों के समूहों को अपनी ताकत बताने वाले युवा नेता जयराम महतो की पार्टी जेएलकेएम के प्रत्याशी ने ही ऐन वक्त पर पार्टी को अलविदा कह दिया। जयराम के लिए ये बड़ा झटका माना जा रहा है। झारखंड की राजनीति में नव पदार्पित हुए जयराम के प्रत्याशी का इस प्रकार जेएमएम का दामन थामने से पार्टी को अब नये सिरे से सोचना होगा। बता दे जयराम महतो की पार्टी जेएलकेएम के गांडेय से उम्मीदवार अकिल अख्तर उर्फ रिजवान ने पार्टी से किनारा कर लिया है। रिजवान ने जेएलकेएम से इस्तीफा देकर जेएमएम का दामन थाम लिया है। रिजवान को जयराम महतो ने सीएम की पत्नी कल्पना सोरेप के खिलाफ गांडेय से उम्मीदवार बनाया गया था। वहीं अब उन्होंने हेमंत सोरेन की उपस्थिति में झामुमो का दामन थाम लिया है। बताया जा रहा है कि वे अब गांडेय ने अपना नामांकन वापस लेंगे। रिजवान के गांडेय से चुनाव लड़ने पर मुस्लिम वोट कटने के पूरे आसार थे। वहीं रिजवान के पीछे हटने के के बाद जेएमएम के लिए गांडेय सीट पर आसान जीत मिलती दिख रही है।