देश भर के शहरों मे प्रदूषित हवा इन दोनों एक भारी समस्या बन गई है। अक्सर दिवाली के बाद जब हवा का AQ लेवल चेक किया जाता है तो भारी मात्रा में प्रदूषण दर्ज किया जाता है। इस वजह से कई दिनों तक आम जनता को सास लेने में काफी तकलीफ होती है। अब बात अगर बिहार की करें तो इस साल पटना वासियों ने हवा को कम प्रदूषित करने का जिम्मा उठाया था। ऐसे में दिवाली के बाद जब हवा का AQ लेवल चेक किया गया तो पटना की स्थिति अन्य शहरों से काफी बेहतर नजर आई है।
मिली जानकारी के अनुसार, बिहार में पटना समेत कई ऐसे शहर पिछले साल की तुलना में कम प्रदूषित हुए जिसके कारण AQ लेवल में भी काफी गिरावट देखने को मिली है। सिर्फ पटना की बात करें तो इस बार पटना का वायु गुणवत्ता का औसत सूचकांक 233 (खराब श्रेणी) रहा जो अबतक का दिवाली के दिनों में सबसे कम था। वहीं पिछले वर्ष दीपावली के मौके पर पटना का एक्यूआई 333 (बहुत खराब श्रेणी) में रहा था। 2023 में राजधानी का अधिकतम एक्यूआई 400 के पार पहुंच गया था।
वहीं, बिहार के टॉप 12 प्रदूषित शहरों की बात करें तो हाजीपुर की स्थिति सबसे खराब मिली है। दीपवली पर हाजीपुर बिहार का सबसे प्रदूषित शहर रहा। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 346 पाया गया। हाजीपुर में पीएम10 अधिकतम 415 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया, जो मानक से लगभग सात गुना अधिक है। जबकि पीएम2.5 यानी महीन धूल कण की अधिकतम मात्रा प्रति घनमीटर 500 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रही। यह मानक से 9 गुना ज्यादा है।