रांची: झारखण्ड विधानसभा चुनाव में भाजपा नेता हेमन्त विस्व सरमा लगातार झूठ एवं भड़काउ भाषण देकर मतदाताओं का धार्मिक ध्रुवीकरण कर रहे है, जो आदर्श आचार संहिता का व्यापक उल्लंघन है। दिनांक 23 अक्टूबर 2024 को हुसैनाबाद में, 24 अक्टूबर को जमशेदपूर में, 01 नवम्बर को सारठ के चुनावी सभाओं में हेमन्त विस्वसरमा ने एक वर्ग को टारगेट करते हुए साम्प्रदायिक भाषण दिया और धर्म के नाम पर वोट मांगा।
हेमन्त विस्वसरमा घुसपैठ की बात करते हुए अपने एक्स में झूठे आंकड़े दिखाकर लोगों के बीच साम्प्रदायिक तनाव पैदा करना चाहते हैं, जबकि 2011 में यूपीए सरकार के समय जनगणना हुई थी, उसके बाद अभी तक जनगणना नहीं हुई है। लगातार प्रतिपक्ष के नेता आदरणीय राहुल गॉंधी जी जनगणना की मॉंग मोदी सरकार से कर रहे हैं, लेकिन अभी तक मोदी सरकार चुप्पी साधे हुए है।
हेमन्त विस्वसरमा एवं भाजपा राज्य के मूल मुद्दों पर चर्चा करने से भाग रही है, जल-जंगल-जमीन, 1932 खतियान, सरना कोड, पिछड़ों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण, राज्य में भाजपा सरकार के समय बने भूमि बैंक ये सब मुद्दों पर भाजपा बात न कर बस धर्म के नाम पर धु्रर्वीकरण कर रही है और झारखण्डी अस्मिता को तोड़ने में लगी हुई है।
भाजपा के प्रवक्ता गौरव वल्लभ जी जब कांग्रेस में थे, तब भाजपा को पानी पी-पी कर कोसते थे, अवसरवादी गौरव वल्लभ जी आज भाजपा की झूठ की बुनियाद पर बैठकर लम्बी-लम्बी फेंक रहे हैं, उन्हें यह भी बताना चाहिए कि झारखण्ड की जनता का एक लाख छत्तीस हजार करोड़ रूपैया केन्द्र सरकार दबाकर बैठी हुई है। यह राशि झारखण्ड की जनता को कब मिलेगी।