हाजीपुर में कार्तिक पूर्णिमा पर गुरुवार की पूरी रात कोनहारा घाट पर तंत्र-मंत्र का खेल हुआ। कार्तिक पूर्णिमा की रात यहां हर साल भूतों को भगाने का मेला लगता है। मान्यता है कि पूर्णिमा की रात पूजा करने से भूत-प्रेत भाग जाते हैं। इसे लेकर भूत बाधा दूर करने दूर-दराज से हजारों-लाखों लोग पहुंचे। घाट पर रातभर अलग ही नजारा दिखा। कहीं ओझा के मंत्र पर कुछ महिलाएं झूमती और सिर पटकती नजर आईं तो कहीं ओझा दोनों हाथों पर कपूर जलाकर साधना करता नजर आया।
गुरुवार की रात कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हाजीपुर में करीब पांच लाख से अधिक लोग गंडक नदी में डुबकी लगाने पहुंचे। मान्यता है कि बुरी आत्माओं से छुटकारा पाने के लिए नदी में स्नान करना जरूरी है। फिर ओझा और भगत छड़ी से लोगों की पिटाई करते और उनका भूत से छुटकारा का दावा करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा में स्नान और दान आदि करने का विशेष महत्व है। इस कारण सोनपुर का हरिहर क्षेत्र, कोनहारा, हाजीपुर और अन्य जिलों से हाजीपुर के गंगा नदी घाटों पर भारी संख्या में लोग पहुंचे।
इस दौरान ही भूत भागने के नाम पर अंधविश्वास का खेल भी यहां देखने को मिलता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक भूतों को भगाने का ये मेला परंपरा स्वरूप कई सालों से यहां लगता आ रहा है। हजारों, लाखों लोग पूर्णिमा की रात यहां इसी काम से जुटते हैं और सुबह गंगा स्नान कर वापस अपने घर वापस लौटते हैं। सुरक्षा की पूरी व्यवस्था जिला प्रशासन और नगर परिषद हाजीपुर द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए थे। कोनहारा घाट पर कंट्रोल रूम बनाने गए हैं, जिसमें जिलाधिकारी यशपाल मीणा, पुलिस अधीक्षक हरकिशोर राय के समेत कई अधिकारी मौजुद थे। भारी संख्या में पुलिस बल बुलाई गई थी। किसी प्रकार की घटना दुर्घटना न हो जिसको लेकर ड्रोन कैमरे और सीसीटीवी से निगरानी की जा रही थी।