प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमुई सभा में भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती पर विशेष सिक्के और डाक टिकट का अनावरण किया। डाक विभाग द्वारा 5 रुपये का डाक टिकट जारी किया गया है। इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी ने जनजातीय समुदाय के कल्याण के लिए 6640 करोड़ की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण रिमोट का बटन दबाकर किया। इसके बाद उन्होंने भारत माता की जय और भगवान बिरसा मुंडा अमर रहे के नारे से अपने संबोधन की शुरुआत की।
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज बहुत पवित्र दिन है। आज कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली और गुरुनानक देव का 555वां प्रकाश पर्व भी है। प्रधानमंत्री ने सभी देशवासियों को इन पर्वों की बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज का दिन एक और वजह से ऐतिहासिक है। आज भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती और राष्ट्रीय गौरव दिवस है। सभी देशवासियों और खास तौर पर आदिवासी भाई-बहनों को बधाई।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने इनकी मुश्किलें कम करने के लिए पीएम जन-मन योजना शुरू की। इसके तहत देश की सबसे पिछड़ी जनजातीय आबादी का विकास हो रहा है। अति पिछड़ी जनजातियों को हजारों पक्के घर दिए हैं। आदिवासी बस्तियों को जोड़ने के लिए पक्की सड़कें बनाई जा रही हैं। सैकड़ों गांवों में हर घर नल से जल पहुंचा है। जिनको किसी ने नहीं पूछा, मोदी उनको पूजता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमुई में हाल ही में चलाए गए स्वच्छता अभियान की तारीफ की। उन्होंने कहा कि जमुई के लोगों, प्रशासनिक कर्मियों, नेताओं और अफसरों ने मेहनत की, इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। आज से पूरे देश में बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उत्सव शुरू हो रहे हैं। ये कार्यक्रम अगले एक साल तक चलेंगे। आज देश के सैकड़ों जिले के एक करोड़ लोग तकनीक के माध्यम से इस कार्यक्रम से सीधे जमुई से जुड़े हैं।
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पीएम मोदी ने कहा कि आज 6 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। इसमें डेढ़ लाख आदिवासी परिवारों को पक्के आवास के स्वीकृति प्रदान की गई है। 11000 परिवार अपने नए घर में प्रवेश कर रहे हैं। आदिवासियों के लिए स्कूल, म्यूजियम और अन्य सुविधाओं की शुरुआत की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के इतिहास के बहुत बड़े अन्याय को दूर करने का यह एक ईमानदार प्रयास है। आजादी के बाद आदिवासी समाज के योगदान को इतिहास में वो स्थान नहीं दिया गया, जिसका समाज हकदार था।
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आदिवासी वो समाज है, जिसने राजकुमार राम को भगवान राम बनाया। उन्होंने आजादी की लड़ाई में कई बार नेतृत्व किया। मगर उनके इतिहास को मिटाने की कोशिश की गई। इसके पीछे स्वार्थ भरी राजनीति थी। अफसोस है कि भारत की आजादी के लिए एक ही दल (कांग्रेस) को श्रेय दिया गया। अगर एक ही परिवार ने आजादी दिलाई, तो फिर बिरसा मुंडा का उल-गुलान आंदोलन क्यों हुआ था। संथाल क्रांति क्या थी। महाराणा प्रताप के रणबांकुरे भीलों को भूल नहीं सकते। छत्रपति शिवाजी को ताकत देने वाले आदिवासियों के सहयोग को नहीं भूला जा सकता है।