रांची: झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा ज्वलंत है। एक तरफ इस मुद्दे पर बीजेपी सरकार पर हमलावर है तो वहीं संथाल परगना और उससे सटे क्षेत्रों की बदलती डेमोग्राफी इस बात पर मुहर लगा रही है कि आदिवासियों की जनसंख्या घट रही है। वहीं इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने छह लोगों को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है। ईडी की जांच में कुछ संदेहास्पद तथ्य सामने आए हैं जिसके बाद अभी छह संदिग्धों को सोमवार से अलग-अलग तारीख पर रांची स्थित ईडी कार्यालय बुलाया गया है। ईडी ने जिन लोगों को समन जारी किया है उसमें देविशा होटल्स एंड हॉस्पिटैलिटी के मालिक शैलेंद्र कुमार के अलावा महेंद्र, अब्दुल रशीद, विभाष मंडल, पूनम मिश्रा और अल्ताफ मनकर उर्फ अल्ताफ शेख के नाम शामिल हैं। बता दें इनमें शैलेंद्र कुमार बांग्लादेशी युवतियों को विभिन्न होटलों में ठहरने की व्यवस्था करता था। वहीं विभाष मंडल और पूनम मिश्रा ने बरियातू पुलिस ने जिन युवतियों को गिरफ्तार किया था उनकी जमानत करायी थी। विभाष मंडल और पूनम मिश्रा पति-पत्नी हैं। दोनों कोलकाता के रहनेवाले हैं और बरियातू थाने में गिरफ्तार युवतियों की जमानत लेने दोनों कोलकाता से रांची आते थे। इससे यह माना जा रहा है कि इन दोनों का संबंध भी इस गिरोह से है। वहीं अल्ताफ के मोबाईल से 100 से ज्यादा युवतियों के नंबर मिले हैं। हालांकि, पूछताछ में उसने खुद को ग्राहक बताया था और विदेशी युवतियों को झारखंड लाने के मामले में अनभिज्ञता जाहिर की थी। बता दें रांची के होटल से छापेमारी के दौरान बांग्लादेशी लड़किया पकड़ी गयी थी जिसके बाद ये खुलासा हुआ कि उन्हे बांग्लादेश से भारत सैलून में काम दिलाने के बहाने बुलाया गया और रहने खाने की व्यवस्था भी की गयी। वहीं इन लड़कियों से देहव्यापार कराया जाता था।