आज रेजांगला युद्ध के 62 वर्ष पूरे हो गए हैं। वर्ष 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध के दौरान भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट के सैनिकों ने चीनी सेना के सामने साहस का परिचय देते हुए अंतिम समय तक लड़ाई लड़ी थी। युद्ध के दौरान भले ही भारत को मुंह की खानी पड़ी हो लेकिन रेजांगला के युद्ध में भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट (’13 कुमाऊं’) के सैनिकों ने चीनी सेना के दांत खट्टे कर दिए थे।
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नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रेजांगला के शहीदों को श्रदांजलि अर्पित की है। तेजस्वी यादव ने एक्स पर लिखा है- आज ही के दिन ठीक 62 वर्ष पूर्व 1962 के भारत-चीन युद्ध में लद्दाख के चुशूल में 13 कुमाऊं रेजिमेंट की चार्ली कंपनी के 120 वीर अहीर जवानों ने अदम्य साहस एवं अतुलनीय पराक्रम का परिचय देते हुए अपने से कई गुणा बड़ी शत्रु सेना के सामने “अंतिम गोली-अंतिम आदमी-अंतिम सांस” तक के संघर्ष में अपना सर्वस्व न्योछावर करते हुए 1300 चीनियों को मार गिराया था।
युद्ध इतिहास में अतुलनीय वीरता की गाथा लिखने वाले भारत माँ के ऐसे वीर सपूतों को उनकी बलिदानी दिवस पर कोटि-कोटि नमन और श्रद्धांजलि। उन वीर जवानों की याद में रेजांगला के चुशूल में ‘The Bravest of the Brave, VEER AHIR- अहीर धाम’ स्मारक भी बना हुआ है जो इन वीर सैनिकों के पराक्रम, शौर्य, दृढ़ता,शूरता और अदम्य निडरता का गवाह है।
रेजांगला वॉर मेमोरियल ‘अहीर धाम’
रेजांगला वॉर मेमोरियल को ‘अहीर धाम’ का नाम भी दिया गया है, क्योंकि ’13 कुमाऊं’ रेजीमेंट की जिस कंपनी ने 1962 में युद्ध लड़ा था, वो अहीर कौम की कंपनी है। रेजांगला की लड़ाई में अदम्य साहस और वीरता के लिए भारतीय टुकड़ी का नेतृत्व कर रहे मेजर शैतान सिंह को मरणोपरांत परमवीर चक्र सम्मान से नवाजा गया था। कहा जाता है कि लड़ाई के बाद मेजर शैतान सिंह के पार्थिव शरीर को जब युद्धस्थल से उठाया गया था तो उनकी उंगली अपनी राइफल के ट्रिगर पर थी। यानी मरते दम तक उन्होंने चीनी सैनिकों से लोहा लिया था।
120 में से सिर्फ 6 सैनिक बचे थे
रेजांगला की लड़ाई में चीन के खिलाफ लड़ते हुए मेजर शैतान सिंह और उनके सभी साथियों का एम्युनेशन यानी गोलियां और गोला-बारूद खत्म हो गया था। इसके बावजूद कुमाऊं रेजीमेंट की ‘सी’ कंपनी ने चीनी सैनिकों को पहाड़ो से धकेलकर मौत के घाट उतारा ता लेकिन चीनी सैनिकों की संख्या ज्यादा होने के कारण 120 में से 114 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे और शेष 6 सैनिकों को चीनी सेना ने बंदी बना लिया था।