पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा जंक्शन की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक सामने आई है, जहां पार्सल से प्रतिबंधित व नशीली दवाओं की तस्करी किये जाने का खुलासा हुआ है। छपरा जंक्शन की रेलवे सुरक्षा व्यवस्था इस मामले में पूरी तरह अनभिज्ञ है। जबकि पार्सल के माध्यम से करोड़ों की प्रतिबंधित व नशीली दवा की तस्करी कर उत्तर प्रदेश भेजी जा रही है। इस मामले का खुलासा लखनऊ जंक्शन पर जांच के दौरान ड्रग इंस्पेक्टर संदेश कुमार मौर्य एवं निलेश कुमार शर्मा के द्वारा किया गया है।
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मामले में लखनऊ जंक्शन पर कांड संख्या- 414/24 के तहत प्राथमिकी भी दर्ज कर ली गई है। जिसके बाद छपरा जंक्शन डीसीआई गणेश यादव सहित सभी पदाधिकारी की नींद उड़ी हुई है। वहीं इतने बड़े रैकेट का खुलासा होने के बाद सुरक्षा एजेंसियों के भी हाथ-पांव फूलने लगे हैं। बता दें कि छपरा जंक्शन से प्रतिबंधित व नशीली दवाओं का कारोबार पार्सल के माध्यम से माफिया कर रहे हैं और बहुत ही आसानी के साथ बड़े शहरों तक पहुंचा रहे हैं।
छपरा से लखनऊ तक जुड़ा है रैकेट का तार
बता दें कि ऑक्सीटोसिन व नशीली दवाओं के कारोबार का तार छपरा से लखनऊ तक जुड़ने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। छपरा जंक्शन के पार्सल कार्यालय से नगर थाना क्षेत्र के बड़ा तेलपा मोहल्ला निवासी संतोष कुमार के द्वारा भेजा गया था। वहीं चारबाग स्टेशन पर गाड़ी पहुंचने के साथ ही माफिया वहां भी सक्रिय थे। 10 मिनट में पुलिस के पहुंचने से पहले ही पांच कार्टन दवा लेकर फरार हो गए। जबकि बाकी बचे कार्टनों को ले जाने के लिए गाड़ी मुहैया नहीं हो पाई और उसी दौरान उस माल को पुलिस की संयुक्त टीम ने पकड़ लिया है।
बताया जा रहा है कि छपरा से लखनऊ जाने वाली लखनऊ एक्सप्रेस से 2 करोड़ मूल्य का प्रतिबंध ऑक्सीटोसिन दवा भेजा गया था। जिसमें से पांच कार्टन दवा लेकर माफिया फरार हो चुके थे। जबकि 38 कार्टन दवा को पकड़ा गया है। जिसका बाजार मूल्य करीब 2 करोड़ रुपए बताया जा रहा है। लखनऊ जंक्शन के चारबाग स्टेशन पर सीआईबी आरपीएफ, जीआरपी व ड्रग इंस्पेक्टर की संयुक्त टीम ने स्टेशन पर चेकिंग के क्रम में इसे जब्त किया है। पार्सल कर्मियों व अधिकारियों की मिली भगत की आशंका प्राप्त जानकारी के अनुसार पार्सल से बुक सामानों तथा आने वाले सामानों की नियमित तौर पर चेकिंग की जाती है, लेकिन छपरा जंक्शन के पार्सल कार्यालय से इतनी बड़ी खेप बिना किसी जांच के ही लखनऊ भेज दी गई, यह बहुत बड़ा सवाल है।
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सुरक्षा को लेकर आरपीएफ के सीनियर कमांडेंट एस रामकृष्णन व रेल प्रबंधक विनीत कुमार श्रीवास्तव ने त्योहारों के मदेनज़र पार्सल पर नियमित नज़र रखने का निर्देश दिया था। हालांकि त्यौहार बीतने के बाद माफिया सुरक्षा में सेंध लगाते हुए करोड़ों का माल खपाने की फिराक में लगभग सफल हो ही गए थे। ऐसे में सवाल उठता है कि जंक्शन की सुरक्षा एजेंसियों को चुनौती देते हुए आए दिन माफिया कैसे अनाधिकृत सामानों को बाहर भेजने में लगे हुए हैं।