रांची: रांची से पकड़ी गई बांग्लादेशी लड़कियों के मामले में चल रही इडी की जांच में कई सनसनीखेज चाबर सामने आ रही है। बता दें झारखंड में बांग्लादेशी नागरिकों की घुसपैठ और देह व्यापार के लिए तस्करी से जुड़े एक बड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चार संदिग्धों को रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी। इस दौरान ईडी के सामने कई नाम सामने आए जो इस तस्करी से जुड़े है, जांच के दौरान ईडी ने बांग्लादेशी नागरिक रॉनी मंडल, संदीप चौधरी, और उनके भारतीय सहयोगी पिंटू हलधर तथा पिंकी बासु मुखर्जी को रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से अपने कार्यालय में लाकर उनसे पूछताछ की। इडी की प्रारंभिक जांच में आरोपियों ने यह स्वीकार किया कि वे बांग्लादेशी युवतियों को देह व्यापार के लिए झारखंड और पश्चिम बंगाल के विभिन्न शहरों में भेजते थे। से बेहद चौंकाने वालामामला है कि सुरक्षा बलों और पग्रशासन के नाक के नीचे ये सब हो रहा और अब तक ये बात सामने नहीं खुल पाई थी।
खैर इस मामले में रॉनी मंडल और संदीप चौधरी की भारत में एंट्री और उनकी असली पहचान को लेकर भी ईडी जांच कर रही है, हालांकि एजेंसी ने इस संबंध में अब तक कोई पुख्ता जानकारी साझा नहीं की है। वहीं इस मामले में फरार आरोपी मनीषा राय के करीबी सहयोगी अलताफ और रांची में बांग्लादेशी युवतियों के जमानतदारों को भी ईडी ने समन भेजा था, लेकिन वह एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए। इस प्रकार समन को अनदेखा किए जाने के बाद ईडी ने इन सभी को फिर से समन भेजने का फैसला लिया है। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि मनीषा राय और अलताफ के बीच फोन पर सैकड़ों बार बातचीत हुई थी, और मनीषा बांग्लादेश से युवतियों के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करती थी, जिसके बाद उन्हें भारत भेजा जाता था। इस मामले में ईडी ने रांची में पकड़ी गई बांग्लादेशी युवतियों के जमानतदारों को भी समन भेजा है। साथ ही रांची के एक होटल संचालक शैलेंद्र से भी पूछताछ की जाएगी, क्योंकि युवतियों को यहां लाकर रखा गया था। इस मामले में अब तक कई लोगों को संदिग्ध के रूप में चिन्हित किया गया है और जांच जारी है। बताते चलें कि प्रवर्तन निदेशालय की जांच अभी जारी है, इस मामले के तार दूर तक जुड़ते नजर आ रहें हैं। वहीं इडी ने आधिकारीक तौर पर इस मामले में अभी कुछ नहीं कहा है। माना जा रहा किक पकड़े गए घुसपैठियों के बयान पर कई लोग रडार में आ सकते हैं।