बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन हंगामेदार रहा। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरक्षण के मुद्दे पर नीतीश सरकार और बीजेपी को जमकर घेरा। वहीं सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने तेजस्वी यादव पर जोरदार हमला बोला। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति अगर जो संवैधानिक संस्था का अपमान करें उसके निर्णय पर उंगली उठाए और लोगों के बीच में भ्रम पैदा करे, ऐसे लोग संवैधानिक पद के योग्य नहीं है।
तेजस्वी यादव की बड़ी मांग… बिहार में 85% तक बढ़ाया जाए आरक्षण, सरकार बनाए कमेटी
तेजस्वी यादव के दावे पर कि जातिगत जनगणना उन्होंने करवाई है पर विजय सिन्हा ने कहा कि आरक्षण के कोटे को बढ़ाने की बात तो दूर जब बिहार में जातीय गणना हो रही थी उसे वक्त महागठबंधन की सरकार नहीं थी बल्कि एनडीए की सरकार थी और फैसला एनडीए की सरकार ने ही लिया था। जातीय जनगणना का मामला भी NDA के समय हुआ था। आज सुशासन है और नेता प्रतिपक्ष को बोलने का मौका मिल रहा है। इस मौका का फायदा उठाने के बजाए वह लोगों में भ्रम पैदा कर रहे हैं। ये व्यक्ति संविधान विरोधी और आरक्षण विरोधी हैं।
विजय सिन्हा ने कहा कि, यह वही लोग हैं जो जंगल राज को गुंडा राज के रूप में तब्दील करने में लगा था। अपने परिवार की जमींदारी बढ़ाने के लिए लोगों को भ्रमित करता है। लोगों के बीच अराजकता पैदा करता है। जातीय उन्माद पैदा करते हैं सच को नहीं स्वीकार करता है। जो अपने दल के अंदर लोकतंत्र नहीं ला सका। अपने दल के अंदर आरक्षण का सम्मान नहीं कर सका।
तेजस्वी यादव ने सदन में उठाया 65 % आरक्षण का मुद्दा… भड़क गये डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी
विजय सिंह ने तेजस्वी यादव पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष होने के नाते उन्हें कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए था आखिर वह सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं गए इस पर उन्हें जवाब देना चाहिए। विजय सिंह ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि विपक्ष के नेता एक पार्टी का नाम लेकर बार-बार लोगों को बीच भ्रम पैदा करते हैं कि इस पार्टी के आ जाने से संविधान खत्म हो जाएगा।
जातीय जनगणना नीतीश कुमार की देन
वहीं तेजस्वी यादव के आरोपों पर जेडीयू नेता और मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि तेजस्वी यादव जातीय सर्वे में हमारे साथ थे। जब नीतीश कुमार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी तो क्या ये सरकार के अंग थे। उन्होंने विधानसभा में कहा कि जब सरकार वह थे, जबकि उस वक्त वह सरकार में थे ही नहीं। आजाद हिन्दुस्तान में नीतीश कुमार इकलौते ऐसे नेता हैं जिन्होंने जातीय जनगणना पर सरकारी ठप्पा लगाने का काम किया है। पेरियार, कर्पूरी ठाकुर जैसे लोगों ने इस मुद्दे को उठाया, लेकिन इसपर सरकारी मुहर लगाने का काम नीतीश कुमार ने किया। हर जगह उदंड प्रवृति के लोग होते हैं, ये लोग वकील लेकर सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ रहे हैं। नीतीश कुमार अलग प्रवृति के हैं, वह हमेशा राज्य और जनता के हित में सोचते रहते हैं।