संभल जिले स्थित शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर मस्जिद पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। निचली अदालत के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने सख्त टिप्पणियां की हैं। सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि निचली कोर्ट इस मामले में कोई एक्शन न ले। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले में हई कोर्ट के आदेश के बिना कुछ भी न किया जाए।
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हालांकि, सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से यह भी पूछा कि वह सुप्रीम कोर्ट आने से पहले हाई कोर्ट क्यों नहीं गए। दरअसल, ये याचिका मस्जिद कमेटी ने दाखिल की है। मस्जिद पक्ष ने स्थानीय कोर्ट के सर्वे के आदेश को चुनौती दी है।
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सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा,’ क्या 227 के तहत हाई कोर्ट जाना उचित नहीं है? बेहतर होगा कि हम इसे यहीं लंबित रखें। आप अपनी दलीलें उचित पीठ के सामने दायर करें। सुनवाई के दौरान CJI ने कहा, ‘हम नहीं चाहते कि इस बीच कुछ भी हो। उन्हें आदेश को चुनौती देने का अधिकार है। वे रिवीजन या 227 याचिका दायर कर सकते हैं।
संभल में क्यों है मस्जिद को लेकर विवाद?
संभल में मुगल शासक बाबर के युग में बनी जामा मस्जिद पर इस बात को लेकर विवाद है कि यहां पहले ‘हरि हर मंदिर’ था, जहां पर मस्जिद का निर्माण कराया गया था। इसको लेकर हिंदू पक्ष की तरफ से एक वकील ने कोर्ट सर्वे की मांग के साथ स्थानीय कोर्ट में याचिका दायर की थी। बाद में कोर्ट ने सर्वे का आदेश जारी किया, जिसको लेकर इलाके में तनाव पैदा हो गया, और मुस्लिम समाज ने इसका विरोध किया।