रांची: बहुचर्चित मनरेगा घोटाले मामले में निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की जमानत अर्जी पर झारखंड हाई कोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस मामले में हाई कोर्ट की एकल पीठ ने ईडी को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 13 दिसंबर निर्धारित की है। बता दें सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ईडी से पूछा है कि पूजा सिंघल के केस में ट्रायल की क्या स्थिति है, गवाही की प्रक्रिया कब तक पूरी होगी? कितने गवाहों की गवाही कराई जानी बची हुई है? सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पूजा सिंघल इस मामले में 2 साल 3 माह से अधिक समय से जेल में है। ईडी की गवाही कराने की प्रक्रिया काफी धीमी है। इसमें दो वर्ष भी लगा सकते हैं।
इसलिए प्रार्थी को जमानत दी जाए। वहीं, ईडी से कहा गया कि अभी अभियोजन की ओर से और चार गवाही कराई जानी है। बता दें, रांची की पीएमएलए कोर्ट ने बीते सितंबर माह में पूजा सिंघल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। वहीं इडी ने मामले में पूजा सिंघल समेत सात के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है जिनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है उनमें पूजा सिंघल के अलावा उनके पति अभिषेक झा, सीए सुमन सिंह, खूंटी जिला परिषद के तत्कालीन कनीय अभियंता राम विनोद सिन्हा, तत्कालीन सहायक अभियंता राजेंद्र जैन, तत्कालीन कार्यपालक अभियंता जय किशोर चौधरी, खूंटी विशेष प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता शशि प्रकाश शामिल है।
प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपपत्र में बताया है कि चतरा, खूंटी और पलामू डीसी रहते हुए पूजा के खाते में सैलरी से 1.43 करोड अधिक थे ईडी ने इन तीनों जिलों में उनके डीसी के कार्यकाल के दौरान के अलग-अलग बैंक खातों व दूसरे निवेश की जानकारी जुटाई खूंटी में मनरेगा का घोटाला फरवरी 2009 से जुलाई 2010 के बीच हुआ उस समय पूजा सिंघल वहां की डीसी थी। ईडी ने 6 मई 2023 को तत्कालीन खान सचिव पूजा सिंघल के सरकारी व निजी आवास उनके पति अभिषेक झा और उनके सीए सुमन सिंह समेत 25 ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीए सुमन सिंह के आवास से ईडी को 19.31 करोड़ रुपए नगद बरामद हुए थे।