बिहार विधानसभा में गुरूवार को जबरदस्त हंगामा हुआ था। दरअसल, विपक्षी पार्टियों के विधायक सत्तारूढ़ विधायकों के साथ बैठ रहे हैं। जबकि सदन के अंदर सभी विधायकों के लिए सीट निर्धारित होता है और उन्हें वहीं बैठना होता है। हंगामा इसी बात पर था कि आरजेडी और कांग्रेस के 5 विधायक किसकी अनुमति से सत्तापक्ष के विधायकों के साथ बैठ रहे हैं। विपक्ष के हंगामे का असर आज दिख गया।
बिहार विधानसभा के अंदर शीतकालीन सत्र के अंदर एक बार फिर सीटिंग अरेंजमेंट में बड़ा बदलाव हुआ है। आज सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद राजद के बागी विधायक चेतन आनंद सीएम नीतीश कुमार के ठीक पिछले वाली कुर्सी पर बैठ रहे थे। उसके बाद आज विधानसभा के स्पीकर के निर्देश के बाद वह वापस अपनी तय सीट पर जाकर बैठे, यह सीट विधानसभा स्पीकर के ठीक सामने तय की गई है। मतलब यह न तो विपक्ष के तरफ हैं और न ही सत्ता पक्ष के तरफ है।
आज जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो आरजेडी विधायक चेतन आनंद अपनी सही जगह पर बैठे पाये गये। दरअसल चेतन आनंद आरजेडी के विधायक हैं। लेकिन इसी साल जब नीतीश कुमार पाला बदल कर बीजेपी के साथ चले गये तो चेतन आनंद समेत आरजेडी और कांग्रेस के पांच विधायकों ने पाला बदल लिया था। संदन के अंदर उनके लिए विपक्षी बेंच में सीट निर्धारित था। लेकिन सरकार के कैंप में आने वाले विपक्षी विधायक सत्तारूढ विधायकों के साथ बैठने लगे थे। गुरूवार को इसी बात पर बवाल हुआ था।
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वहीं सीटिंग अरेंजमेंट को लेकर बागी विधायक चेतन आनंद ने कहा कि हम लोगों का सीटिंग अरेंजमेंट तय है। सीट नंबर 202 हमारा सीट है। यहीं पर हम लोग बैठते हैं। सत्र की शुरुआत से ही हम लोग के लिए तय कर दिया था। उसको लेकर कोई बबाल की बात ही नहीं है। लेकिन जिस तरह से कल बवाल हुआ यह गलत है। वहीं, सत्ता पक्ष बेंच पर बैठने को लेकर जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। कभी किसी काम के लिए उधर गया तो मंत्रियों से बातचीत होती है तो ऐसा हो सकता है। लेकिन, हां सरकार गठन के समय हमलोग जरूर सत्ता पक्ष के तरफ बैठे थे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि स्पीकर ने तय कर दिया था तो उसमें समस्या क्या है। अब कुछ डिमांड एंड सप्लाई वाली सोच रखते है कि इसमें क्या ही कहना है। हमलोग सत्ता के साथ हैं।
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बता दें कि बिहार विधानसभा में गुरूवार को विपक्ष के बागी विधायकों को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ था। हंगामे के बीच आरजेडी के विधायक भाई वीरेंद्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सीट तक पहुंच गये थे। उनका कहना था कि जब विधायकों के लिए तय सीट पर बैठने के नियम का पालन नहीं हो रहा है तो वे भी किसी भी सीट पर बैठ सकते हैं। विपी विधायकों के हंगामे के कारण गुरूवार को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी। हालांकि आरजेडी-कांग्रेस का साथ छोड़ कर सत्तारूढ गठबंधन के साथ जाने वाले कुल पांच विधायक हैं।