झारखंड चुनाव के समय छिड़ी असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और झारखंड सीएम हेमंत सोरेन के बीच छिड़ी जंग अब भी थमी नहीं है। दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने असम के चाय बागानों में काम करने वाले आदिवासियों की दशा के अध्ययन के लिए एक सर्वदलीय टीम असम भेजने का कुछ दिन पहले कैबिनेट बैठक के दौरान फैसला किया था। अब झारखंड मंत्रिमंडल के फैसले पर पलटवार करते हुए असम सीएम ने कहा है कि वह भी कुछ चीजों का अध्ययन करने के लिए दो प्रतिनिधिमंडल झारखंड भेजेंगे।
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हालांकि हिमंता बिस्वा सरमा ने यह नहीं बताया कि असम सरकार किन चिंताओं को ध्यान में रखते हुए प्रतिनिधिमंडल भेजेगी। सीएम सरमा से शनिवार रात यहां भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान जब झारखंड सरकार के फैसले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पांच दिसंबर को उनकी कैबिनेट में झारखंड के कुछ इलाकों का दौरा करने के बारे में कुछ निर्णय लिए जाएंगे। असम सरकार भी वहां जाएंगे और दो-तीन चीजें देखेंगे।
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झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन ने 28 नवंबर को झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, जिसके कुछ ही घंटों बाद उनकी सरकार ने असम में चाय बागानों की दशा का अध्ययन करने के लिए एक सर्वदलीय टीम गठित करने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा कि वे यहां एक टीम भेज रहे हैं, लेकिन हम झारखंड में दो विशेष चीजें देखने के लिए दो प्रतिनिधिमंडल भेजेंगे। हम अगले सप्ताह निर्णय लेंगे।