झारखंड में 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने पहली कैबिनेट बैठक में ही संकेत दे दिया था कि मंत्रिमंडल विस्तार होगा। सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में नए मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना है। 9 दिसंबर को राज्य विधानसभा का विशेष सत्र होने वाला है, ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि सत्र शुरू होने से पहले ही मंत्रिपरिषद का गठन कर लिया जाएगा।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने कैबिनेट बर्थ के वितरण पर सहमति जताई है। 12 पदों में से, मुख्यमंत्री सहित JMM को सात सीटें मिलेंगी, कांग्रेस को चार और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को एक सीट मिलेगी। वहीं दो सीटें जीतने वाली भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन (CPIML) ने सरकार में शामिल न होने का फैसला किया है, लेकिन वह बाहर से समर्थन देगी।
जहां JMM ने कथित तौर पर कैबिनेट पदों के लिए अपने छह नामों को अंतिम रूप दे दिया है, वहीं कांग्रेस और राजद कथित तौर पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। दिल्ली में कांग्रेस विधायकों और नेताओं के बीच लॉबिंग चल रही है, जिसमें दावेदार कैबिनेट पद हासिल करने के लिए अपनी वरिष्ठता, अनुभव और अन्य साख को उजागर कर रहे हैं।
इधर, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), जिसने चार सीटें जीती हैं, के सूत्रों ने कहा कि वह एक से अधिक मंत्रालय की उम्मीद कर रही है। राजद, जो 2019 के चुनावों में अपनी ताकत को एक सीट से बढ़ाकर अब चार करने में सक्षम है, दो कैबिनेट पदों की उम्मीद कर रही है। पिछली सोरेन सरकार में, राजद के तत्कालीन एकमात्र विधायक सत्यानंद भोक्ता श्रम संसाधन मंत्री थे।