रांची: मनरेगा घोटाले में 28 महीने से जेल में बंद निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को आखिरकार जमानत मिल गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की विशेष अदालत ने शुक्रवार को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्णय सुनाया। अधिवक्ता के अनुसार, पूजा सिंघल को बीएनएस की धारा 479 के तहत जमानत का लाभ मिला। इस प्रावधान के अनुसार, अगर किसी आरोपी ने न्यायिक हिरासत में अपनी संभावित सजा की एक-तिहाई अवधि पूरी कर ली है, तो उसे जमानत दी जा सकती है। पूजा सिंघल ने जेल से ही बंदी पत्र लिखकर जमानत की अपील की थी।
ईडी ने 6 मई 2022 को पूजा सिंघल के 20 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस कार्रवाई में 19.31 करोड़ रुपए की बरामदगी हुई थी। जांच के दौरान ईडी ने पहले उनके पति अभिषेक झा और फिर पूजा सिंघल से पूछताछ की। शुरुआती पूछताछ में दोनों ने पैसों को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी, लेकिन ईडी की पड़ताल में यह साबित हुआ कि बरामद रकम उन्हीं की है। इसके बाद पूजा सिंघल को गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें निलंबित कर दिया गया।
पूजा सिंघल 28 महीने से जेल में बंद थीं। शुक्रवार को स्पेशल कोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। उनकी ओर से पक्ष रखते हुए बहस पूरी कर ली गई थी। शनिवार को ईडी ने भी अपना पक्ष अदालत में रखा। इसके बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा और अंततः जमानत मंजूर कर ली। पूजा सिंघल को जमानत मिलने के बाद उनकी रिहाई की प्रक्रिया जल्द ही पूरी की जाएगी। हालांकि, इस मामले में जांच अभी भी जारी है और ईडी अन्य पहलुओं पर काम कर रही है।