राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने इंडिया गठबंधन के नेतृत्व को लेकर बड़ा बयान दिया है। लालू यादव ने कहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का नेता चुना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि “कांग्रेस के विरोध का कोई मतलब नहीं है। ममता को ही नेता बनाया जाना चाहिए।” लालू यादव का यह बयान ऐसे समय में आया है जब इंडिया गठबंधन के भीतर नेतृत्व को लेकर खींचतान मची है। कांग्रेस चाहती है कि इंडिया गठबंधन कांग्रेस के हिसाब से चले। जेबकि टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने खुद को इंडिया गठबंधन का लीडर प्रस्तावित कर दिया है। हालांकि ममता बनर्जी का प्रस्ताव किसी बैठक में नहीं बल्कि राजनीतिक बयानबाजी में आया है। लेकिन इस बयान के समर्थन में लालू यादव जैसे नेताओं के आ जाने से माहौल अलग ही बन रहा है।
दरअसल, लालू यादव के इस बयान से गठबंधन के अंदर नई बहस शुरू हो गई है, क्योंकि अब तक लालू और राजद भी कांग्रेस को ही समर्थन करते थे। लेकिन पहली बार लालू यादव ने कांग्रेस के अलावा किसी और नेतृत्व को भी स्वीकार करने का मूड बनाया है। लालू यादव का ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन के लीडर के तौर पर समर्थन देने का प्रभाव बिहार की राजनीति पर गहरा पड़ सकता है। चर्चा यह भी है कि लालू यादव को अब कांग्रेस का नेतृत्व रास नहीं आ रहा है। क्योंकि उन्हें कांग्रेस के कारण नुकसान भी झेलना पड़ रहा है।
दरअसल, लोकसभा चुनाव और झारखंड विधानसभा चुनाव में राजद को कांग्रेस के कारण कॉम्प्रोमाइज करना पड़ा। लोकसभा चुनाव में राजद को झारखंड में कांग्रेस के कारण खास तवज्जो नहीं मिली। झारखंड के विधानसभा चुनाव में भी राजद को हेमंत सोरेन ने कांग्रेस से कम तवज्जो दी। जबकि बिहार में कांग्रेस को राजद ने ठीक-ठाक मान दिया। इसके बावजूद कांग्रेस नेतृत्व प्रचार में सिर्फ अपनी सीटों पर ही सीमित रहा। अब तक लालू यादव हर हाल में कांग्रेस को ही विपक्षी गठबंधन के लीडर के तौर पर सामने करते आए। लेकिन कांग्रेस द्वारा राजद को अलग अलग मौकों पर तरजीह नहीं देने के कारण अब लालू यादव ने भी कांग्रेस से किनारा करने का मूड बना लिया है।
वैसे तो चर्चा यह भी चलने लगी है कि लालू यादव बिहार में बंगाल, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा की तर्ज पर चुनावी बिसात बिछाने की तैयारी कर रहे हैं। बंगाल में ममता बनर्जी ने किसी भी विपक्षी दल को अपने समर्थन में नहीं लिया है, वे अकेले लड़ती हैं। दूसरी ओर हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में कांग्रेस हो या आम आदमी पार्टी, सभी अपनी रणनीति चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। ऐसे में लालू यादव का ममता को राष्ट्रीय स्तर पर आगे करने का मतलब यह भी निकाला जा रहा है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में लालू यादव राजद को बिहार में अकेले ही भाजपा या एनडीए के सामने मैदान में उतारें। हालांकि बिहार विधानसभा चुनाव में अभी लगभग 11 महीने का वक्त है।