निर्दलीय प्रत्याशी बंशीधर ब्रजवासी ने तिरहुत स्नातक उपचुनाव जीत लिया है। वह करीब 10 हजार वोटों के अंतर से जीत गए। वंशीधर ने जेडीयू से यह सीट छीन ली है जो देवेश चंद्र ठाकुर ने सांसद बनने के बाद खाली की थी। उप चुनाव में जेडीयू का हाल ये हुआ कि उसके उम्मीदवार अभिषेक झा चौथे नंबर पर चले गए। वंशीधर ब्रजवासी का सबसे नजदीकी मुकाबला प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के विनायक विजेता के साथ रहा जो दूसरे नंबर पर आए। हालांकि औपचारिक ऐलान अभी बाकी है। चुनाव आयोग के आदेश का इंतजार हो रहा है।
जानिए, कौन हैं वंशीधर ब्रजवासी
वंशीधर ब्रजवासी बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मड़वन प्रखंड क्षेत्र के राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय रक्सा पूर्वी में वो प्रखंड शिक्षक थे। ब्रजवासी 2005 में नौकरी में आए थे। इनकी पढ़ाई लिखाई की बात करें तो इन्होंने एमए और बीएड की डिग्री की है। बंशीधर ब्रजवासी के पिता स्व नंदकिशोर सहनी भी एक शिक्षक थे। बंशीधर ब्रजवासी बिहार सूबे में शिक्षकों के बड़े नेता माने जाते हैं और बिहार में शिक्षकों के कई आंदोलन का नेतृत्व भी किया है।
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केके पाठक का खुला विरोध किया
शिक्षा विभाग में अराजकता और घोर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर नीतीश सरकार पर लगातार हमलावर रहते हैं। वंशीधर ब्रजवासी चर्चा में तब आए थे जब इन्होंने तत्कालीन अपर मुख्य सचिव केके पाठक का खुला विरोध कर दिया था। बात इतनी बढ़ गई कि ब्रजवासी को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। बिहार सरकार ने इसी वर्ष जुलाई में उनको सरकार के आदेश पर बर्खास्त कर दिया गया था। बर्खास्त होने के बाद भी बंशीधर ब्रजवासी शिक्षकों के मुद्दों को लगातार उठाते रहे। जिसका परिणाम अब चुनाव परिणाम में भी देखने को मिला।