रांची: गोपनीय दस्तावेज के लीक मामले में विधायक सरयू राय के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग के अवर सचिव की ओर से मई 2022 में डोरंडा थाना में दर्ज प्राथमिकी मामले में अब झारखंड हाई कोर्ट में 10 जनवरी 2025 को सुनवाई होगी। हाइकोर्ट की एकल पीठ ने मामले में सरयू राय के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक जारी रखी है। मामले में राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल नहीं हो सका। कोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए एक और मौका दिया। रांची के एमपी/ एमएलए के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने आपराधिक साजिश रचकर स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग से संचिका के गोपनीय पन्नों की चोरी करने के आरोप में विधायक सरयू राय के खिलाफ दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए समन जारी किया है. जिसे उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने का आग्रह कोर्ट से किया है. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने पैरवी की। मामले में आरोप पत्र भी दाखिल हो चुका है। आरोप पत्र में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आप्त सचिव आसिफ एकराम सहित छह को गवाहों का नाम है। यहां बता दें कि मामले में जांच पूरी करते हुए अनुसंधान पदाधिकारी सह सब-इंस्पेक्टर नागेश श्रीवास्तव ने करीब ढ़ाई साल बाद अपराध को सही पाते हुए अदालत में भादवि की धारा 120बी एवं गोपनीय दस्तावेज लीक की धारा 30(2) के तहत आरोप पत्र दाखिल की थी। दरअसल, विधायक सरयू राय ने गोपनीय दस्तावेज को हासिल करने के बाद प्रेस कान्फ्रेंस कर मीडिया को कोरोना काल में किए गए राशि के उपयोग की जानकारी दी थी. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से उनके खिलाफ डोरंडा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.
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