रांची: झारखंड हाई कोर्ट में आज मोरहाबादी मैदान से हटाए गए फुटपाथ दुकानदारों की ओर से दायर और अवमानना याचिका की सुनवाई हुई। मामले में कोर्ट ने मोरहाबादी मैदान के दुकानदारों के लिए जोन 1 से लोगों का कब्जा हटाने के संबंध में रांची नगर निगम द्वारा रांची डीसी से आग्रह के बावजूद भी कोई कदम नहीं उठाये जाने पर नाराजगी जताई।इस मामले मे कोर्ट ने रांची डीसी से जानना चाहा है कि मोरहाबादी मैदान के दुकानदारों के पुनर्वास के लिए जोन 1 से लोगों का कब्जा क्यों नहीं हटा ? कोर्ट ने अगली सुनवाई 3 जनवरी 2025 को रांची डीसी को मामले में सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया है। मामले में राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया, जिसपर कोर्ट ने सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए एक और मौका दिया। मामले को लेकर कविता कुमारी एवं अन्य की ओर अवमानना याचिका दाखिल की गई है। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अनुराग कश्यप ने पैरवी की।
दरअसल, 1 मई 2023 को हाई कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं होने पर हाई कोर्ट की एकल पीठ ने नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने मौखिक कहा था कि उस समय रांची नगर निगम को फुटपाथ दुकानदारों के मोरहाबादी मैदान के आसपास की जगह की व्यवस्था करने का निर्देश दिया था, फुटपाथ दुकानदारों के जगह के लिए रांची नगर निगम ने मोरहाबादी मैदान के आसपास तीन जगह चिन्हित किए थे, इसे तैयार करने के लिए एक साल का समय मांगा था। लेकिन 1 साल से अधिक भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी मोरहाबादी मैदान के दुकानदारों के पुनर्वास के लिए जोन 1, जोन 2 एवं जोन 3 उपलब्ध नहीं कराया गया है। कोर्ट ने कहा था कि जोन 3 में फुटपाथ दुकानदारों के लिए नाइट मार्केट की बात कही गई थी वहां भूमि पूजन भी हुआ था लेकिन दुकानदारों को वहां नहीं बैठने दिया गया। जोन 2 जो मोरहाबादी मैदान में फुटबॉल मैदान के नजदीक में है उसका काम मात्रा 30% होने की बात रांची नगर निगम द्वारा कही जा रही है। जबकि कोर्ट का आदेश दिए 1 साल से अधिक का समय बीत चुका है। जोन 1 में कुछ लोगों का कब्जा है, जिसे हटाने के लिए रांची नगर निगम ने रांची डीसी से कई बार आग्रह किया है। लेकिन जोन 1 से कब्जा नहीं हटा है। कोर्ट ने जोन 3 में फुटपाथ दुकानदारों को जल्द से जल्द जगह अलॉटमेंट का निर्देश रांची नगर निगम को दिया था।