रांची: राज्य की हेमंत सरकार अब ईडी से दो दो हाथ करने के मूड में है। सूचना है कि झारखंड सरकार प्रर्वतन निदेशालय, सीबीआई, इनकम टैक्स सहित अन्य केंद्रीय एजेंसियों पर लगाम लगाने की तैयारी में है। अब ईडी सहित सभी केंद्रीय एजेंसियों द्वारा किसी अधिकारी-कर्मी या किसी व्यक्ति पर कोई आरोप लगा कर सरकार से सूचनाओं की मांग की जायेगी तो उन आरोपों की विस्तृत जांच की जायेगी। राज्य सरकार ने इसके लिए मंत्रिमंडल सचिवालय समन्वय निगरानी विभाग के विशेष सचिव, अपर सचिव की अध्यक्षता में तथ्य जांच समिति, गठित की है। यह समिति प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पीएमएलए 2002 की धारा-66 2 एवं अन्य केंद्रीय एजेंसियों द्वारा लगायी गयी धाराओं के तहत मांगी गयी सूचना के वैधानिक पक्ष को समझने, मांगी गयी संदर्भित सूचना को फांइड आउट करने तथा जिस पदाधिकारी, व्यक्ति के विषय में सूचना मांगी जा रही है, उनके द्वारा किस लॉ का वॉयलेशन किया गया है और इसमें किस प्रकार की विधिक, कानूनी कार्रवाई की जानी अपेक्षित है, इन बिंदुओं पर विचार कर उचित परामर्श देगी। मंत्रिमंडल सचिवालय एवं समन्वय विभाग ने उपर्युक्त परिप्रेक्ष्य में, प्रवर्तन निदेशालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा PMLA, 2002 की धारा-66(2) के तहत दर्ज मामलों के साथ-साथ अन्य केंद्रीय एजेंसियों द्वारा संगत प्रावधानों के अधीन दर्ज मामलों में यथोचित कार्रवाई करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का गठन किया है। कैबिनेट सचिव वंदना दादेल के हस्ताक्षर से इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गयी है। बता दें कि मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग (समन्वय) की अधिसूचना संख्या 02.09.2024 के अनुसार, “DSPE अधिनियम की धारा-5 एवं 6 के मामलों को छोड़ कर अन्य सभी केंद्रीय एजेंसियों से संबंधित मामलों” का कार्य विभाजन इस विभाग को सौंपा गया है। पहले इन मामलों को गृह विभाग देखता था।
प्रवर्तन निदेशालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा PMLA, 2002 की धारा-66(2) के तहत कई मामलों में कार्रवाई की जा रही है। ये मामले विभिन्न विभागों/पदाधिकारियों से संबंधित हैं। PMLA, 2002 की धारा-66(2) के तहत दर्ज मामलों (कुल-14) का विवरण पहले ही संबंधित विभाग को प्राप्त हो चुका है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न विभागों/पदाधिकारियों द्वारा भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में दर्ज मामलों में कार्रवाई की जानकारी दी गई है।
साथ ही, आयकर विभाग एवं अन्य केंद्रीय एजेंसियों द्वारा भी विभिन्न मामलों में कार्रवाई के संदर्भ में राज्य सरकार से सूचना की अपेक्षा की जाती है या आवश्यक कार्रवाई के लिए राज्य सरकार से अनुरोध किया जाता है।
तथ्य जांच समिति में निम्नलिखित सदस्य शामिल होंगे
विशेष सचिव/अपर सचिव, मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग (समन्वय) – अध्यक्ष
संबंधित प्रशासी विभाग द्वारा नामित पदाधिकारी जो संयुक्त् सचिव स्तर का हो- सदस्य
विधि विभाग द्वारा नामित परामर्शी, विधि पदाधिकारी-सदस्य
एसीबी द्वारा नामित पुलिस पदाधिकारी जो पुलिस अधीक्षक के समकक्ष- सदस्य.
ये काम होगा
समिति की बैठकें एवं समन्वय के लिए विशेष प्रकोष्ठ का गठन होगा. तथ्य जांच समिति समय-समय पर बैठकें आयोजित करेगी, जिसमें समिति को निर्दिष्ट मामलों का निपटारा करना होगा. समिति के अध्यक्ष के आदेश से एक समर्पित प्रकोष्ठ (Dedicated Cell) का गठन किया जाएगा, जो समिति को आवश्यक सचिवालयीय सहायता प्रदान करेगा। इस प्रकोष्ठ में आवश्यकता के अनुसार अधिकारियों/कर्मचारियों/संविदा कर्मचारियों आदि की नियुक्ति की जा सकेगी।