केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ विधेयक के खिलाफ कांग्रेस ने कड़ा रुख अपनाते हुए इसे संविधान के मूल ढांचे पर हमला करार दिया है। मंगलवार को लोकसभा में पेश किए गए इस विधेयक को लेकर पार्टी ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के लिए अपने प्रतिनिधियों के नाम तय कर दिए हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा, मनीष तिवारी, सुखदेव भगत और रणदीप सिंह सुरजेवाला इस समिति में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।
कांग्रेस ने इस विधेयक को देश के संघीय ढांचे और संविधान के खिलाफ बताते हुए विरोध दर्ज कराया है। पार्टी ने इसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तानाशाही लाने की कोशिश बताया है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने संसद परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि “यह विधेयक हमारे देश के संघवाद के खिलाफ है। यह गैर-संवैधानिक है और हम इसका विरोध कर रहे हैं।”
मंगलवार को लोकसभा में यह विधेयक पेश किया गया, जिसे 269 सांसदों का समर्थन मिला, जबकि 198 सांसदों ने इसके खिलाफ मतदान किया। विधेयक का उद्देश्य लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराना है। हालांकि, विपक्षी दलों ने इसे संघीय ढांचे पर हमला बताया और सरकार पर क्षेत्रीय दलों की स्वायत्तता को कमजोर करने का आरोप लगाया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जेपीसी में 31 सदस्य होंगे, जिनमें लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सदस्य शामिल होंगे। कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस ने अपने सदस्यों के नाम प्रस्तावित किए हैं। तृणमूल कांग्रेस की ओर से लोकसभा सदस्य कल्याण बनर्जी और राज्यसभा सदस्य साकेत गोखले का नाम सुझाया गया है। शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, जेडीयू के संजय झा, और डीएमके के टीएम सेल्वागणपति व पी. विल्सन के भी समिति में शामिल होने की संभावना है। भाजपा की ओर से अनुराग ठाकुर और पी.पी. चौधरी के नाम समिति में भेजे जा सकते हैं।