संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार (20 दिसंबर), भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने कांग्रेस महासचिव और वायनाड सांसद प्रियंका गांधी को 1984 के सिख विरोधी दंगों की याद दिलाई। अपराजिता ने प्रियंका गांधी को एक बैग सौंपा, जिस पर खून से ‘1984’ लिखा हुआ था। यह कदम 1984 के दंगों में पीड़ित सिख समुदाय के प्रति समर्थन और न्याय की मांग को लेकर उठाया गया।
अपराजिता सारंगी: पूर्व IAS अधिकारी और बीजेपी सांसद
अपराजिता सारंगी भारतीय जनता पार्टी की लोकसभा सांसद हैं, जो ओडिशा की भुवनेश्वर सीट से दूसरी बार चुनी गई हैं।
- उन्होंने पहली बार 2019 में इस सीट पर जीत दर्ज की थी।
- इससे पहले वह केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में कार्यरत थीं।
- 2018 में उन्होंने सरकारी सेवा से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया।
बिहार से ओडिशा तक का सफर
- अपराजिता सारंगी मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली हैं।
- उनका जन्म 8 अक्तूबर, 1969 को हुआ था। उनके पिता अजीत मिश्रा भागलपुर यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी के प्रोफेसर थे।
- उन्होंने भागलपुर के माउंट कार्मेल कॉन्वेंट स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और भागलपुर यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी में बीए किया।
- 1994 में, पहले ही प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा पास कर वह IAS अधिकारी बनीं।
- उन्हें ओडिशा कैडर अलॉट किया गया, जहां उन्होंने शानदार प्रशासनिक कार्य किए। यहीं उनकी मुलाकात साथी IAS अधिकारी संतोष सारंगी से हुई, जिनसे बाद में उन्होंने विवाह किया।
प्रियंका गांधी पर निशाना
अपराजिता सारंगी का यह कदम 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर कांग्रेस के रवैये की आलोचना का प्रतीक था। 1984 के दंगे, जो इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए थे, में हजारों सिख मारे गए थे। इस घटना को लेकर कांग्रेस पर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर सवाल उठते रहे हैं। अपराजिता ने संसद में प्रियंका गांधी को यह संदेश देने का प्रयास किया कि कांग्रेस ने इन दंगों के पीड़ितों को न्याय देने में विफलता दिखाई है।